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आखिर कौन बनेगा विधायक प्रत्याशी से लेकर कार्यकर्ता व मतदाता तक असमंजस में

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बूंदी विधानसभा की तीनों सीटों पर विधानसभा के चुनाव 25 नवम्बर को संपन्न हो चुके हैं।जिसका 3 दिसंबर को परिणाम आने वाला है।लेकिन विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर सरकार मियां तेज है तथा बाजारों में चहुंओर चुनावी चर्चाओं का दौर जारी है। शहर के नुक्कड़,पान की गुमटी, चाय की थड़ी व होटलों के बाहर लोग केवल चुनावी चर्चाएं करते हुए दिखाई दे रहे हैं। शहर के मुख्य बाजारों में आमजनों के मध्य तीनों विधानसभा सीट में बन रहे चुनावी समीकरणों पर कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं प्रत्याशी भी कार्यकर्ताओं व अपने शुभचिंतक को से फोन कर कर समीकरण जानने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। चुनावी चर्चा में लोगों ने अपना मत रखते हुए बताया कि तीनों विधानसभा का मतदाता मौन रहने के चलते कौन जीतेगा कौन हारेगा पर प्रत्याशी , कार्यकर्ता आमजन सहित सभी में असमंजस की स्थिति है। इनके अनुसार यह कहना जल्दबाजी होगी कि कौन सी पार्टी इन सीटों पर अपना परचम लहराएगी। लोगों के अनुसार जिले की बून्दी व केशवराय पाटन विधानसभा क्षेत्र में मैदान में डटे निर्दलीय प्रत्याशियों ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों का समीकरण बिगाड़ रखा है। हालांकि कौन विधायक की दौड़ में सबसे आगे रहेगा, यह कहना भी जल्दबाजी होगी। वहीं सभी के नजरें 3 दिसम्बर को आने वाले परणिमों पर टिकी हुई हैं।
बून्दी में परिणाम 2ः1 के अनुपात में रहने की संभावना

आमजन में हो रही चर्चाओं के अनुसार बून्दी जिले की तीनों विधानसभाओं का परिणाम 2 : 1 का अनुपात में रहने की संभावना हैं। इनके अनुसार 2 सीटों पर भाजपा और 1 सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी को जीतने की संभावना पर चर्चाएं गर्म हैं।

जिस तरह से 5 साल में प्रदेश में अराजकता का माहौल रहा लूट डकैती हत्या बलात्कार जैसी घटनाएं लगातार घटित होती रही ऐसी स्थिति में अब जनता परिवर्तन चाहती है। आने वाले विधानसभा परिणाम में इसका असर देखने को मिलेगा।

लाखन सिंह नायक, समाजसेवी

इस बार मतदाता मौन है और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा गया है। जिले की तीनों विधानसभा सीट पर दोनों प्रमुख दलों में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। दोनों ही दलों में अंदरुनी घात हुई है। तथा निर्दलीयों ने भी समीकरण बिगाड़ा है। किसकी जीत होगी और किसकी हार यह तो 3 दिसंबर को ही पता चल सकेगा।

संजय शर्मा, ब्राह्मण नेता

इस बार चुनाव में युवा तरुणाई की मुख्य भूमिका देखने को मिली। हालांकि युवा तरुणाई युवाओं के साथ ज्यादा नजर आई ऐसे में चुनाव परिणाम भी चौंकाने वाले ही सामने आएंगे। जनता विकास चाहती है और जिसने विकास कराया होगा जनता उसी के साथ होगी।

मिथलेश दाधीच, सर्व ब्राह्मण महासभा

पिछले 15 साल में शहर में कहीं समस्याएं ऐसी रही जिनका निदान नहीं हो पाया। जिसकी कसक जनता में देखी जा सकती है। निर्दलीय उम्मीदवार रुपेश शर्मा के साथ लोगों की ज्यादा भावना जुड़ी हुई नजर आई जिसका असर परिणाम पर भी देखने को मिलेगा।

रामस्वरूप राठौर, फल फ्रूट व्यवसायी