RTI कानून की धारा 25 – सूचना आयोग के कर्तव्य विषय पर आयोजित हुआ 36 वां राष्ट्रीय वेबिनार
RTI कानून की धारा 25 – सूचना आयोग के कर्तव्य विषय पर आयोजित हुआ 36 वां राष्ट्रीय वेबिनार /
मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त राहुल सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ कार्यक्रम
आयोग द्वारा वार्षिक रिपोर्ट बनाने पर दिया गया जोर
रीवा @rubarunews.com>>>>>>>> सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक रविवार सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक राष्ट्रीय जूम मीटिंग वेबीनार का आयोजन किया जा रहा है। इस बीच कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह करते हैं जबकि पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी एवं पूर्व मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप विशिष्ट अतिथि के रुप में सम्मिलित होते हैं। कार्यक्रम का संयोजन प्रबंधन मध्य प्रदेश से आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी, अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा एवं छत्तीसगढ़ से देवेंद्र अग्रवाल के द्वारा किया जाता है। कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों – मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, आदि प्रदेशों से आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता भाग लेते हैं।
*आरटीआई कानून की धारा 25 सूचना आयोग के कर्तव्य विषय पर हुई चर्चा*
इस बीच दिनांक 28 फरवरी 2021 को सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 25 पर परिचर्चा आयोजित की गई। सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे तक छत्तीसगढ़ से देवेंद्र अग्रवाल ने कार्यक्रम का संयोजन किया जबकि 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा संयोजन किया गया। कार्यक्रम में सहभागियों ने विभिन्न प्रकार से आरटीआई से जुड़ी हुई समस्याओं के बारे में जानकारी चाही, जिस पर सूचना आयुक्तों और उपस्थित एक्सपर्ट्स ने अपने जवाब दिए। धारा 25 के विषय में मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त राहुल सिंह द्वारा बताया गया कि आयोग को अपनी वार्षिक रिपोर्ट बनानी चाहिए। इस विषय में मध्यप्रदेश में काफी नवाचार भी किया गया है जिसमें 4(1)(बी) एवं धारा 4 से संबंधित ज्यादातर जानकारी सार्वजनिक किए जाने के प्रयास चल रहे। मध्यप्रदेश के परिपेक्ष्य में अपने कार्यों का ब्यौरा देते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया कि काफी कार्य पहले से बंद हैं जिन्हें नए सिरे से भी चालू चालू किया जा रहा है। अब आयोग में स्पेशल जीआरडी डेस्क बनाया गया है और आने वाले महिला दिवष के पहले महिलाओं द्वारा लगाए गए आरटीआई को जीरो किया जा रहा है जिससे पेंडेंसी न रहे। इस विषय पर पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने बताया की आयोग यदि धारा 25 के अपने कर्तव्य का परिपालन करने लगे तो ज्यादातर समस्याओं का समाधान हो जाएगा और विभागों के ऊपर एक दबाव बना रहेगा की आयोगों को उन्हें अपने कार्यों का ब्यौरा देना पड़ेगा। पूर्व राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने कहा कि जब वह मध्य प्रदेश में वर्ष 2014 में राज्य सूचना आयुक्त के पद संभाले तब आयोग में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी और कई वर्षों से वार्षिक रिपोर्ट नहीं बनाई जा रही थी। इस विषय में उन्होंने वार्षिक रिपोर्ट बनाने के लिए प्रयत्न किए थे।
*सभी आयोगों में नियुक्त किए जाएं मीडिया प्रभारी*
सूचना आयोग की वार्षिक रिपोर्ट विधानसभा और लोकसभा में साझा किए जाने और फिर उस पर मीडिया द्वारा ध्यान न दिए जाने के विषय में सभी सूचना आयुक्तों और उपस्थित आरटीआई कार्यकर्ताओं का मानना था कि इस विषय में आयोग को अपने मीडिया प्रभारी रखे जाने चाहिए जो समय-समय पर आयोग के आदेश और निर्णय को विभिन्न माध्यमों से मीडिया और लोगों की पहुंच तक रखें जिससे आरटीआई कानून की मंशा के अनुरूप कार्य किया जा सके। सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने रीवा संभाग में आरटीआई कानून को लेकर हो रहे व्यापक बदलाव और विभागों की बढ़ी हुई सक्रियता के बारे में बताया कि कैसे जीवन और स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग धारा 7(1) एवं 2(जे)(1) के तहत निरीक्षण कर कार्यवाही कर रहा है और लोगों की छोटी-छोटी समस्याएं आरटीआई कानून से सॉल्व हो रही हैं। इस बीच अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा, आलोक कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ से राज मिश्रा, देवेंद्र अग्रवाल, अशोक कुमार जायसवाल, नितिन कुशवाहा, सुरेश मौर्य आदि एक्टिविस्ट ने अपनी अपनी बातें रखी। उक्त जानकारी शिवानंद द्विवेदी सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा ने दी।