संपूर्ण चितोड़ प्रांत की रज, जल, स्वर्ण व रजत ईट हनुमान जी का रजत गोटा अयोध्या भूमि पूजन हेतु रवाना..
भीलवाड़ा.कृष्ण कांत राठौर/ @www.rubarunews.com- श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या जी के मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद चित्तौड़ प्रांत के पूज्य संतों एवं कार्यकर्ताओं ने पवित्र तीर्थों नदियों एवं वीर भूमि के रज कण व जल को एकत्रित किया। जिसके तहत गत दिनों में विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों आश्रमों मंदिरों मठों में रज कण व जल सहित नवरत्न स्वर्ण एवं रजत की ईंटें हनुमान जी की रजत गदा व अन्य सामग्री का वैदिक मंत्रोचार विधि विधान से धूमधाम से पूजन संपन्न हुआ।
आज रविवार 26 जुलाई 2020 को प्रातः 9:00 बजे चित्तौड़ प्रांत से प्राप्त सामग्री को विशेष सुसज्जित वाहन में हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन के सानिध्य में पुष्प वर्षा एवं जयघोष करते हुए रवाना किया गया। हरी शेवा धाम में आयोजित समारोह में संत मयाराम जी, संत राजाराम जी, संत गोविंद राम जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डॉ शंकर लाल जी माली, चांदमल सोमानी, रविंद्र जादू, विश्व हिंदू परिषद के सुरेश जी गोयल,प्रान्त संगठन मंत्री धनराज जी, ओमप्रकाश जी बूलिया, बद्रीलाल सोमानी, बालमुकुंद शर्मा, गणेश प्रजापत, मातृशक्ति से पुष्पा बहेडिया दुर्गा वाहिनी से सीमा पारीक, राम प्रकाश बहेडिया, विजय ओझा, योगेश दाधीच, बाबूलाल सेन, ओम प्रकाश अग्रवाल, श्यामलाल ओझा, सौम्या मेहता, अखिलेश, मनीष भैया, वनवास सी कल्याण परिषद से मनीषा बहेडिया वनवासी कल्याण परिषद से सीमा जाजू, उमाशंकर शर्मा, मधु शर्मा, रमेश मूंदड़ा, राजकुमार माली, कुलदीप सिंह राणावत, महावीर आचार्य विशेष रूप से अमेरिका निवासी नारायण लक्ष्मी खटवानी स्पेन निवासी राम व ईश्वरी टेकचंदानी सहित गणमान्य जन ने हर्षोल्लास एवं उमंग के साथ भाग लिया।
महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने बताया कि श्री राम मंदिर के निर्माण के साथ ही 5 अगस्त से राम राज्य की स्थापना और अखंड भारत की ओर भारतवर्ष अग्रसर हो रहा है। संपूर्ण विश्व में शांति और समृद्धि भी होगी। हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में आज चित्तौड़ प्रांत से तीर्थराज पुष्कर निंबार्क पीठ श्रीजी नगर, अजमेर गढ़ माता मंदिर, राजराजेश्वर मंदिर, हल्दीघाटी, द्वारकाधीश मंदिर कांकरोली, बनास उद्गम स्थल वेरा का मठ, सालेरा खुर्द मावली, परशुराम महादेव अरावली पर्वत, कुंभलगढ़, गोमती उद्गम स्थल, श्री चारभुजा जी गढ़भोर, भगवान एकलिंग जी, श्रीनाथजी नाथद्वारा, जगदीश मंदिर उदयपुर, सोमनाथ महादेव कांकरोली, कालिका माता मंदिर, जौहर स्मृति, दुर्ग कुंड, मातृकुंडिया मेवाड़ का हरिद्वार, वेणेश्वर धाम, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, जयसमंद झील, घातोड जी मंदिर सलूंबर, घोटिया अंबाधाम, मानगढ़ धाम, देवसोमनाथ डूंगरपुर, मां चर्मनयवती (चंबल) मां पार्वती नदी, मां परबन नदी, श्री राम लक्ष्मण कुंड सीताबाड़ी, श्रीराम संध्या घाट झालावाड़, श्रीराम भक्त विभीषण महाराज मंदिर कुंड कैथून, श्री नागेश्वर महादेव कुंड नागदा, आमेरी नदी अटरू, महादेव मंदिर कालीसिंध नदी, प्राचीन हनुमान मंदिर, कर्णेश्वर महादेव कंसुआ कुण्ड, कंसुआ धाम, चंद्रभागा नदी पाटन, आऊ नदी, चंद्र लोही नदी कैथून, ताकली नदी चेचट, गोदावरी धाम कोटा, मोजी बाबा की गुफा कोटा, कराई के बालाजी, भीतरिया कुंड, खड़े गणेश जी, मोटे महादेव मंदिर, शिवपुरी धाम, प्राचीन बावड़ी के बालाजी, गयारह मुखी बालाजी, बगीची के बालाजी, चांदमारी बालाजी, हॉट रोड बालाजी, मंशापूर्ण हनुमान जी, भूतेश्वर महादेव मंदिर, मोती महाराज जी मंदिर, छावनी गुरुद्वारा, दिगंबर जैन मंदिर, गुमानपुरा गुरुद्वारा, गोपालपुरा माताजी, मां अन्नपूर्णा मंदिर, मानव मंदिर रावतभाटा, बाडोली मंदिर रावतभाटा, दरा के हनुमानजी, दूधिया खेड़ी माता मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर बपावर, लटूरी गौशाला हनुमान मंदिर, राम जानकी मंदिर इटावा, श्री हनुमान जी मंदिर, सूर्य मंदिर बुधादीत, चारचोमा शिव मंदिर, मोडक स्टेशन हनुमान जी मंदिर, मानधाता बालाजी बूंदी, चौथमाता मंदिर बूंदी, रक्तदंतिका माताजी सदर, गुरुद्वारा साहिब बूंदी, रामेश्वर धाम बूंदी, कमलेश्वर महादेव, केशवराज जी मंदिर केशवराय पाटन, इंदरगढ़ माताजी, देवधाम झाडोता मंदिर, नागदा महादेव नागेश्वर मंदिर, कपिलधारा नाहरगढ़, प्राचीन हनुमान मंदिर किशनगंज, हांडी वाला महादेव जी मांगरोल, संध्या कामखेड़ा मंदिर, रूपपुरा महादेव बैरागढ़ अकलेरा, केल कोयरा महादेव मंदिर अकलेरा, पीपाधाम गागरोन झालावाड़, त्रिवेणी धाम, तिलास्वा महादेव, सिंगोली चारभुजा, कोटडी श्याम चारभुजा जी, श्री रामस्नेही पीठ शाहपुरा, हरीशेवा धाम भीलवाड़ा, हनुमान मंदिर चंद्रशेखर आजाद नगर, श्री खड़ेश्वरी जी महाराज दाता पायरा, गोपालद्वारा मंदिर सांगानेर, सिंदरी के बालाजी, मोती बावजी, देवरिया बालाजी, श्रीराम मंदिर सुभाष नगर, चारभुजा नाथ मंदिर मलाण, टंकी के बालाजी, जंभ सरोवर समेलिया, नीलकंठ महादेव पुर, नीलकंठ महादेव मांडल, लक्ष्मीमाता मंदिर गोपालद्वारा, शेष सहाय मंदिर, नरसिंह द्वारा मांडल, सत्यनारायण मंदिर मांडल, यक्षिणी माता मंदिर मांडल, रघुनाथ मंदिर मंदिर, मठ मंदिर, पथवारी मंदिर, राजाराम मंदिर मांडल, बाग के बालाजी गाडरमाला, चारभुजा मंदिर सांगानेर, लक्ष्मीनारायण मंदिर मेजा, नरसिंहद्वारा पाटन, मंदाकिनी मंदिर बिजोलिया सहित चित्तौड़ प्रांत के सैकड़ों मंदिरों आश्रम जल सरोवरों बावड़ी ऐतिहासिक धरोहरों से प्राप्त कर रज जल व विभिन्न सामग्री का पूजन किया गया। पूजन विद्वान पंडित सत्यनारायण शर्मा एवं ब्राह्मण मंडली ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न कराया। महामंडलेश्वर स्वामी स हंसराम उदासीन, संत समूह व श्रद्धालुओं ने श्रीराम लला की आरती, विजय मंत्र, मंगलवाद्यों के साथ जयघोष किया। चित्तौड़ प्रांत की रज कण जल, स्वर्ण एवं रजत ईट, हनुमान जी की चांदी का गोटा, नवरत्न व अन्य भेंट सामग्री के साथ विश्व हिंदू परिषद जिलाध्यक्ष रामप्रकाश बहेडिया, चित्तौड़ प्रांत सह धर्माचार्य संपर्क प्रमुख बालमुकुंद शर्मा विशेष वाहन से श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या जी के लिए रवाना हुए।