मध्य प्रदेश

शिक्षकों पर की जा रही प्रतिकूल टिप्पड़ियों से शिक्षा जगत में आक्रोष

भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com>> शिक्षकों के प्रति प्रदेश के कतिपय जनप्रतिनिधि प्रतिकूल टिप्पड़ी कर रहे है । अभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने उदगार प्रकट करते हुए माननीय जन प्रतिनिधि ने प्रदेश के शिक्षकों की काबलियत पर सबाल उठाकर प्रदेश के 5 लाख शिक्षकों की भावनाओ को आहत किया है। जिससे प्रदेश के शिक्षाजगत में आक्रोष व्याप्त है। यदि प्रदेश के शिक्षक योग्य नही है तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है ।यह विचारणीय प्रश्न है।साथ ही इन माननीयों को भी किसी न किसी शिक्षक ने शिक्षा दी होगी । यही माननीय शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता पुकारते हुए सम्मान करते है।
5 सितम्बर शिक्षक दिवस को शिक्षकों का सम्मान करने बाले जन प्रतिनिधि ही 364 दिन शिक्षकों के बारे में घटिया सोच रखे । उस प्रदेश के शिक्षक कितनी घुटन महशूस कर रहे होंगे । शोध का विषय है।
मध्य्प्रदेश शिक्षक काँग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश मिश्रा  ने कहा  कि आज शिक्षक विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश एवम देश की विपदा में अपना योगदान देने में पीछे नही है।अनेको शिक्षक ड्यूटी करते हुए कोरोनी की बलि चढ़ गए ।सरकार ने शिक्षकों को कोविड योद्धा मानने के आदेश जारी नही किए ।फिर भी इस महामारी में जन सेवा में अग्रिम पंक्ति में खड़े है ।
शिक्षक के अंक में श्रजन एवम प्रलय पलते है। इतिहास साक्षी है कि जहाँ शिक्षक का सम्मान नही होता बहा पर प्रगति अवरुद्ध हो जाती है।क्रांति के सूत्रधार भी शिक्षक रहे है।
शिक्षक कांग्रेस शिक्षकों पर की गई इस टिप्पड़ी से आहत है।इसकी पुरजोर शव्दों में भर्त्सना करती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से संगठन की मांग है कि शिक्षक एवम शिक्षा हित मे ऐसी टिप्पड़ियों पर विराम लगाने की समुचित व्यबस्था करें । जिससे प्रदेश का शिक्षक भयमुक्त बातावरण में अपने दायित्वों का निर्वहन कर प्रदेश की प्रगति में योगदान कर सके। शिक्षकों के धैर्य की परीक्षा न ली जावे ।
मांग करने बालो में शिक्षक कांग्रेस नेता सर्व श्री निर्मल अग्रवाल,रामनरेश त्रिपाठी,ऐन.डी.वैष्णव,बाल कृष्ण शर्मा, अनीता सारस्वत,राजेश सेंगर, किशन रजक ,नवनीत चतुर्वेदी,अशोक प्रताप सिंहआदि प्रमुख हैं।