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शारीरिक मानसिक विकास के लिए पर्याप्त समय दे अभिभावक – डॉ. कुशवाह

बून्दी.krishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com- उमंग संस्थान द्वारा आज बालकों के स्वास्थ्य पर और आवश्यक देखभाल पर ऑनलाइन चर्चा का आयोजना किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर आयोजित इस चर्चा में मुख्य वक्ता के रुप में कनिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जी.एस. कुशवाह मौजुद रहे। शारीरिक और मानसिक विकास पर चर्चा करते हुए डॉ. कुशवाह ने कहा कि जीवन का सबसे अच्छा समय बचपनका होता हैं, जिसमें कोई किसी प्रकार की चिंता या तनाव नहीं होता। ऐसे में बाल श्रम निषेध केवल बचपन को खत्म करता है, अपितु उनके शारीरिक और मानसिक विकास को भी प्रभावित करता है। इससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास रुक जाता है।
डॉ. कुशवाह ने टीवी और मोबाइल गेजेट्स के अधिक उपयोग को बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदेह बताते हुए स्वस्थ मनोरंजन हेतु लाभदेय विकल्पों का सुझाव अभिभावकों को दिया और कहा कि मोबाइल के अधिक उपयोग बौद्धिक और शैक्षिक प्रदर्शन को रोकने के साथ बालक के अभिभावक और अन्य के साथ सहसम्बन्ध भी खत्म कर रहा हैं।
इन्होंने मानसिक तनाव, ऑनलाइन शिक्षण के लाभ और नुकसान तथा बाल श्रम के नकारात्मक प्रभावों के साथ कोरोना संक्रमण के चलते नवजात शिशु से लेकर बालकों की समुचित देखभाल हेतु बरती जाने वाली सावधानियों पर भी जानकारी दी और चर्चा के दौरान अॉनकॉल समास्याओं का समाधान भी किया।
संस्थान से जुडे कमलेश शर्मा के संचालन में सचिव कृष्ण कान्त राठौर ने गतिविधियों की जानकारी प्रदान की तथा ज्ञानार्थ प्रभारी लोकेश कुमार जैन ने आभार व्यक्त करते हुए बेजुबान पक्षियों की जल सेवार्थ परिण्डा भेंट किया।
इस ऑनलाइन चर्चा मे संस्थान के वेबपेज से जुड़े बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी सम्मिलित रहे।