क्राइममध्य प्रदेश

लॉकडाउन की आड़ में माफिया ने करोडों का किया रेत डंप

भिण्ड.Desk/ @www.rubarunews.com>> कोरोना महामारी से बचाने के लिए देशभर में लॉकडाउन किया गया है ताकि लोगों की जान बचाई जा सके और आमजन को सुरक्षित करने पुलिसबल रात-दिन सडक़ों पर ड्यूटी करने में व्यस्त है तो उधर माफिया खदानों से रेत किसकी आड़ में निकालकर नदी के आसपास करोड़ों रुपये का रेत डंप कर दिया है। मुखबिर जरिए ऊमरी थाना पुलिस को शनिवार को देर शाम सूचना मिली कि  सिंध नदी के ग्राम खेरा-श्यामपुरा घाट से पनडुब्बियों से रेत निकालकर डंप किया जा रहा है, तो खनिज विभाग की टीम के साथ खदान पर दबिश देने पहुंचे तो रेत माफिया भाग निकले और खदान पर एक भी वाहन नहीं मिला, हमेशा की तरह पनडुब्बी हाथ लगी जिसे जलाकर नष्टकर खाली लौटे। ऊमरी पुलिस के सहयोग से खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने रविवार को कार्रवाई करते हुए सिंध नदी से 4 पनडुब्बी रविवार को नष्ट की तो वहीं अगले दिन सोमवार दोपहर 1 पनडुब्बी मिली जिसके द्वारा नदी का सीना चीरकर रेत निकाला जा रहा था, जैसे ही माफियाओं को सूचना लगी तो फिर से सभी भाग निकले। रेत खदान पर पुलिस ने दो बार दबिश दी लेकिन एक बार भी न तो वाहन मिले और न ही जेसीबी, पॉकलेन मशीन सिर्फ पनडुब्बियां हाथ लगी। इस संबंध में खनिज अधिकारी आरएस भदकारिया से बात की गई तो उन्होंने बताया नदी पर कोई रेत नहीं था, गांव के आसपास डला हुआ था, जिसकी जांचपड़ताल की जा रही है कि आखिर किसके द्वारा रेत निकालकर डंप किया जा रहा था। उन्होंने बताया कोरोना महामारी के कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही थी, जो भी रेत नदी पर डला हुआ है जब्त कर लिया जायेगा। इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक नागेन्द्रङ्क्षसह ने बताया की गई तो उन्होंने बताया पॉवर मेक प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी का कोई रेत नहीं है, यह लोकल ठेकेदार का होगा।  कंपनी रेत का काम करेगी तो रॉयल्टी काटेगी। खनिज अधिकारी पुलिस की मदत लेकर रेत को जब्त करने की कार्रवाई करें। अगर कोई भी अवैध रेत का कारोबार करता हुआ पाया जायेगा तो सख्त कार्रवाई की जायेगी। सवाल इस बात का खड़ा हो गया है कि लॉकडाउन के चलते सभी तरह के काम धंधे बंद है तो रेत का खनन व परिवहन किसके सह पर किया जा रहा है रातों-रात नदियों से रेत निकलकर जिले की सीमा में खपाया जा रहा है और पुलिस व खनिज विभाग को पता ही नहीं है।

सिंध नदी ग्राम खेरा-श्याम पुरा में नष्ट की 5 पनडुब्बियां

रविवार-सोमवार को ऊमरी थाना प्रभारी महेश शर्मा को सूचना मिली थी कि क्षेत्र के सिंध नदी के ग्राम खेरा-श्याम पुरा में अवैध रेत का उत्खन्न कर डंप किया जा रहा है जिसकी सूचना जिला खनिज अधिकारी आरएस भदकारिया को दी गई तो संयुक्त कार्रवाई करते हुए सिंध नदी पर दबिश देकर मौके से रविवार को 4 और सोमवार को 1 पनडुब्बी जलाकर नष्ट की गई। हमेशा की तरह सिर्फ पनडुब्बी नष्ट करने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, जिसे जब्त करना भी जरुरी नहीं समझा ताकि माफिया फिर से अपना काम शुरु कर सकें।

नदियों का सीना चीरकर निकालती है रेत

नदियों का सीना चीरकर हर दिन पनडुब्बी से रेत निकाला जा रहा है और अधिकारी सिर्फ इसे नष्ट कर अपनी पीठ थपथपाने में लगे हुए हैं। इन पर लगाम लगाने माइनिंग, प्रशासन और पुलिस की टीमों ने कार्रवाई पनडुिब्बयों को नष्ट किया, इसके बावजूद खनन बंद नहीं हो पाया है। स्थिति यह है 6 लाख रुपए में बनने वाली एक पनडुब्बी के नष्ट होने पर माफिया दूसरे दिन ही नई पनडुब्बी नदी में डालकर काम शुरु कर देते हैं। या फिर पुलिसने पनडुब्बी नदी पर छोड़ दी तो उसी बनबाने में महज 8 से 10 हजार रुपये का खर्चा होता है। खनिज विभाग को पनडुब्बी को नष्ट करने की बजह जब्त करनी की कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन हमेशा की तरह छोडक़र चले आते हैं।

यहां पर लग रही रेत की मंडी

जिला मुख्यालय के भारौली रोड, बीटीआई तिराहा, पुराने रेलवे स्टेशन, नई गल्ला मण्डी, मुडिया खेरा चौराहा आदि जगह इन दिनों शहर में रेत की मण्डी सज रही है जिसके बाद भी जिला खनिज विभाग और पुलिस को जानकारी नहीं है यहां पर रातों रात रेत की टे्रक्टर-ट्रॉलियां भरकर आ जाती है, जिसका कमीशन भी थानेदारों को जाता है जिसके बाद भी अधिकारी जबाव देते हैं कि लॉकडाउन में किसी तरह का खनन नहीं किया जा रहा है।