राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम: राज्य स्तरीय मुख्य प्रशिक्षक प्रशिक्षण सम्पन्न
भोपाल।@rubarunews.com राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रभावी क्रियान्वयन व खाद्य आपूर्ति योजनाओं में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गठित खाद्य सुरक्षा सतर्कता समितियों के सदस्यों को संवेदनशील बनाने के लिए आगामी समय में विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण आयोजित किए जाने हैं। आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों की श्रंखला में प्रथम स्तर पर राज्य स्तरीय मुख्य प्रशिक्षक प्रशिक्षण (Training of State Master Trainer) दो दिवसीय नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी भोपाल में आयोजित की गया।
आयोजित कार्यक्रम में ज्ञानेश्वरी राव प्रशिक्षण संचालक खाद्य आपूर्ति संचालनालय मध्यप्रदेश के निर्देशन में स्रोत व्यक्ति सुश्री सुकृति सिंह संयुक्त संचालक खाद्य आपूर्ति संचालनालय मध्यप्रदेश, नागेन्द्र सिंह संयुक्त संचालक खाद्य आपूर्ति संचालनालय मध्यप्रदेश, सुश्री शैलजा यादव ग्रामीण विकास संचालनालय, सुश्री कुमुदिनी शर्मा, तारकेश्वर मिश्रा सलाहकार महिला एवं बाल विकास विभाग, विजय कुमार सलोडे सहायक आपूर्ति अधिकारी, सुश्री सारिका कुंभारे कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, अंकित हंस आदि ने प्रस्तुतिकरण करते हुए सहभागी पद्धति से प्रशिक्षण दिया।
आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य प्रशिक्षक प्रशिक्षण में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति दतिया से संचालक रामजीशरण राय, क्षेत्रीय कार्यकर्ता भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, धरती संस्था मुरैना के संचालक देवेन्द्र भदौरिया, पृथ्वी ट्रस्ट पन्ना से यूसुफ बेग, निवसिड बचपन भोपाल से ऋतु रूसिया, उपासना बेहार, विकास संवाद भोपाल से विश्वम्भर त्रिपाठी, शिवराज सिंह, एससी फाउन्डेशन से मस्तराम घोष, संकल्प संस्था शहडोल से रमेश प्रकाश पाण्डेय, शिवपुरी से अजय यादव, आदिवासी मंच रीवा से प्रतीक आम, रामनरेश यादव, अशोकनगर से आशमा परवीन, राजेश आदित्य आदि ने प्रशिक्षण में सहभागिता करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 व अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु बनाए जाने वाले नियमों के ड्राफ्ट पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
उक्त प्रशिक्षित राज्य स्तरीय मुख्य प्रशिक्षकों द्वारा जिलों में जिला स्तरीय 25 व ब्लॉक स्तरीय 25 मुख्य प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान कर प्रशिक्षित किया जावेगा। तदोपरान्त इन प्रशिक्षकों द्वारा 12 सदस्यीय ग्राम / दुकान स्तरीय खाद्य सतर्कता समितियों को प्रशिक्षित किया जावे ताकि वे राशन दुकान, मध्यान्ह भोजन, पोषण आहार, टीएचआर आदि योजनाओं की नियमित निगरानी कर सकें साथ ही निगरानी में प्राप्त जानकारी पर आधारित प्रतिवेदन तैयार कर भेज जा सके।