सरकारी हॉस्पीटल में मरीजों को नहीं पलंग नसीब, जमीन पर लेटे दर्जनों मरीज
भिण्ड.Desk/ @www.rubarunews.com>> मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण खांसी, जुकाम सहित बुखार के मरीज जिला अस्पताल में बढ़ते जा रहे हैं। जिसके चलते वार्ड पूरी तरह से खचा-खच्च भरा हुआ है। स्थिति यह है कि मरीजों को अब पलंग मिलना भी नसीब नहीं हो रहे है जमीन पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर है। बुधवार रात 11 बजे जब मीडिया टीम ने मुआयना किया तो देखा कि महिला वार्ड से लेकर पुरुष वार्ड में मरीजों की संख्या इतनी है कि वार्ड में पैर रखने तक के लिए भी जगह नहीं बची हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को जमीन पर लेटाकर इलाज दिया जा रहा है। उधर महिला वार्ड में जब मुआयना किया गया तो देखा कि एक ही पलंग पर महिलाएं व पुरुष लेटे हुए हैं यह सब अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही से चल रहा है जिसे देखने व टोकने वाला कोई नहीं है जबकि रात होने के बाद मरीजों के अटेंडरों के लिए अस्पताल प्रबंधन ने रात गुजारने के लिए रैन-बसेरा की व्यवस्था की गई हैं जहां पर उनके परिजन आराम से रात बिता सकते हैं। बावजूद भी मरीजों के साथ लेटे हुए हैं। इस पर न तो अस्पताल प्रबंधन ध्यान दे रहा है और न ही ड्यूटी पर तैनात स्टाफ इसलिए मरीजों के साथ आने वाले अटेंडर मनमर्जी करने में लगे हुए हैं। इस तरह का नजारा होने के चलते कई महिला मरीज अपने-अपको असहज महसूस करती है इसको लेकर स्टाफ को भी कई मरीजों ने अवगत कराया, जिसके बाद भी हालत जैसे के तैसे बने हुए हैं। तात्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी के समय अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं चौकस नजर आती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हैं। रात होते ही सभी अटेंडरों को रैन-बसेरा में भगा दिया जाता था और सभी अस्पताल के कर्मचारी समय पर ड्यूटी करते हुए नजर आते थे। इन दिनों छोटे कर्मचारी सहित डॉक्टर तक समय पर नजर नहीं आते, जिसके चलते सुबह मरीजों को घंटें खड़े रहकर केबिन के बाहर इंतजार करने को मजबूर होना पड रहा है। बावजूद भी सीएमएचओ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पलंगों का टोटा, दर्जनों मरीज जमीन पर लेटे
शहर के जिला अस्पताल में लगातार मरीजों की संख्या बढऩे से इन दिनोंं स्थिति यह है कि प्रबंधन को मरीजों को जमीन पर लेटाकर इलाज करने को मजबूरन होना पड़ रहा है, अधिकांश वार्डो में मरीजों को जमीन पर लेटाकर उपचार दिया जा रहा है इतना ही नहीं पलंगों से चादर व तकिया गायब नजर आ रहे हैं या फिर स्टाफ से लेकर वार्डवॉय जिम्मेदारी से पल्ला झड़ रहे हैं।
महिला वार्ड में नींद ले रहे पुरुष
महिला वार्ड में मरीजों के साथ पहुंचने वाले अटेंडर पूरा दिन व रात उनके साथ ही बिताते हैं जिस पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं है। इससे कई महिलाएं अपने आपको असहज महसूस करती हैं। रात होने के बाद कई पुरुषों को पलंग पर लेटा हुआ देखा जा सकता है रात के वक्त भी किसी तरह किसी तरह की रोक-टोक नहीं है और न हीं किसी तरह की पाबंदी है, जिसके चलते यह खेल जारी है।
रैन-बसेरा में नहीं सोते अटेंडर
जिला अस्पताल मेंं मरीजों का उपचार कराने के लिए पहुंचने वाले अटेंडर को रात बिताने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने रैन-बसेरा की व्यवस्था की गई ताकि रात में किसी तरह की परेशान नहीं हो और रात होते ही आराम से यहां बिता सकते हैं। लेकिन स्टाफ व चौकीदार की लापरवाही के चलते अटेंडर रैन-बसेरा में नहीं उनके साथ ही रात में सोते हुए नजर आते हैं जो किसी को दिखाई नहीं देता, या फिर जानबूझकर सबकुछ अनदेखा किया जा रहा है।
इनका कहना है:
मेरे पिताजी विगत चार से पांच दिन से भर्ती है उन्हीं पलंग नहीं मिल पा रहा है इसलिए, जमीन पर ही लेटाकर इलाज करा रहे हैं।
-सुनील गोयल, जामना रोड भिण्ड
मेरे पेट में दर्द हो रहा था और महिला वार्ड में रात को इलाज कराने के लिए पहुंची तो देखा एक पलंग पर दो-दो लोग लेटे थे, इसलिए मैं घर चली गई।
-गुड्डूी देवी, सरसाई का पुरा भिण्ड।
इसकी मॉनीट्रिंग करायी जायेगी, मरीज के साथ सिर्फ एक अटेंडर को ही प्रवेश दिया जायेगा।
-डॉ. अजीत मिश्रा, सीएमएचओ भिण्ड