राजस्थान

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों की कमी नहींः बिरला

कोटा.K.K.Rathore/ @www.rubarunews.com>> लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों की कमी नहीं आने देंगे। लेकिन अधिकारी हर वह कदम उठाएं, जिससे संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। वे  में संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के अधिकारियों की बैठक में कोरोना संक्रमण की समीक्षा कर रहे थे।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि कोविड-19 के जितने मरीज सामने आ रहे हैं, अधिकारी उनके डाटा का विश्लेषण करें। मरीजों के कार्यक्षेत्र, उनके निवास अथवा कार्यस्थान, उनकी आदतों तथा ऐसे ही अन्य विवरण को खंगालें। उसी से ही हमें पता चलेगा कि किस वर्ग या क्षेत्र से संक्रमित लोग अधिक आ रहे हैं। उस आधार पर हमारे लिए कोविड-19 के मरीजों तक पहुंचना आसान होगा। मरीजों की पहचान करके ही हम कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ सकते हैं।
बिरला ने कहा कि होम क्वारंटीन किए गए मरीजों और उनके परिजनों की शिकायत होती है कि कई-कई दिन उनको संभाला नहीं जाता। इससे वे हतोत्साहित होते हैं। एक काॅल सेंटर विकसित करें जो दिन में कम से कम एक बार मरीज से संपर्क करे। होम क्वारंटीन मरीज को एक चार्ट दिया जाए, जिसमें वह शरीर का तापमान व अन्य जानकारियां भर कर उसका फोटो काॅलसेंटर को भेजे। एक आपातकालीन टीम व एंबुलैंस भी जो आवश्यकता होने पर मरीज की सहायता को पहुंच सके। इससे मरीजों में आत्मविश्वास बढ़ेगा तथा उपचार में जुटी टीमों पर भी काम का दबाव कम होगा।
बिरला ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हमें अपनी तैयारियों को बढ़ाना होगा। हम सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी बेड बढ़ाने की संभावनाएं तलाशें। संक्रमण से मुक्त मरीजों के ब्लड ग्रु्रप का डाटा भी संधारित करें ताकि आवश्यकता होने पर उनसे प्लाज्मा दान करने का आग्रह किया जा सके।
बैठक में संभागीय आयुक्त केसी मीना, कोटा कलक्टर उज्जवल राठौड़, बूंदी कलक्टर आशीष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कोटा शहर गौरव यादव, नगर निगम कोटा उत्तर आयुक्त वासुदेव मालावत, दक्षिण आयुक्त कीर्ति राठौड़, दोनों जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित रहे।
मरीजों को मिले घर का भोजन
बैठक में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। अधिकारी मरीजों को घर का भोजन उपलब्ध करवाने की संभावनाएं तलाशें। इसके लिए अस्पताल के बाहर एक काउंटर बनाया जा सकता है। परिजन डिस्पोजेबल टिफिन में भोजन काउंटर पर दें, जिसे बाद में मरीज तक पहुंचाया दिया जाए। इससे मरीज को पौष्टिक व रूचिकर भोजन मिल सकेगा।
निजी अस्पतालों से भी लें सैंपल
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि निजी अस्पताल में भर्ती मरीज की कोरोना जांच हो तो उसे डिस्पेंसरी जाने को कहा जाता है। यह सही नहीं है, निजी अस्पतालों से भी मरीजों के सैंपल लिए जाने चाहिएं। इसके अलावा जांच में निगेटिव पाए गए लोगों को भी सूचित किया जाए। ऐसा नहीं होने के कारण व्यक्ति के मन में संशय बना रहता है।