राजस्थान

कोविड से सतर्क रहते हुए योजनाओं को दें गति- संभागीय आयुक्त

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>संभागीय आयुक्त  कैलाश चंद मीणा ने गुरूवार को कलक्टे्रट सभागार में जिले में कानून व्यवस्था, 20 सूत्रीय कार्यक्रम एवं विभागीय गतिविविधियों की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में संभागीय आयुक्त ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता पर विशेष जोर हो। अलर्ट मोड पर कार्य किया जाए और सभी विभाग इसमें साझीदार बनें और सतर्क रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि क्वारंटीन, कोविड केयर सेंटर में व्यवस्थाएं माकूल रहें और रोगी को पूरी केयर दी जाए। साथ ही ज्यादा संख्या वाले उपक्रमों एवं औद्योगिक इकाईयों में जांच कराई जाए कि कोविड प्रोटोकोल की पालना हो रही है या नहीं। सभी उपखण्डों में क्वारेंटीन संस्थाओं, उपचार आदि की वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी रखी जाएं।
संभागीय आयुक्त ने जिले में पेयजल योजनाओं, बजट घोषणाओं, योजनाओं की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरओ प्लांट्स का पूरा फायदा लोगो को मिले। साथ ही इन स्थलों को साफ सुथरा बनाकर सौंदर्यीकरण भी किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि विद्युत चोरी रोकने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई जाए। इसके लिए जागरूकता गतिविधियों पर भी जोर दिया जाए। बिजली से मुक्त हुए गांव को मॉडल के तौर पर विकसित किया जाए।
संभागीय आयुक्त ने निर्देश दिए कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में अधिकाधिक पात्र लोगों को रोजगार सुलभ कराया जाए। उन्होंने कहा कि औसत मजदूरी 200 रुपए से अधिक आए, ऐसे प्रयास हों। एक बार पंजीकृत हुए श्रमिक सौ दिवस पूर्ण करें, यह भी सुनिश्चित किया जाए। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रभावी क्रियान्विति हो। योजनाओं से वंचित पात्र लोगों को शामिल कर लाभान्वित करें। उन्होंने शिक्षण संस्थाओं में पौधारोपण कार्य को सराहा और सलाह दी कि फिलहाल विद्यालयों में बच्चे नहीं है, लेकिन शिक्षक पौधों को बच्चों की तरह पोसें और परिसरों को संवारा जाए।
उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण योजनाओं का अधिकाधिक लाभ दिया जाए। राज कौशल पोर्टल के प्रति गंभीरता बरतें। राज्य सरकार की मंशानुरूप इसका लाभ रोजगार सृजन में मिले। उन्होंने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र लोगों को ही लाभ मिले। योजनान्तर्गत हुए सर्वे को जांचा-परख जाए ताकि कोई अपात्र इसका लाभ नहीं ले पाए।
उन्होंने पाशुपालन विभाग के अधिकारियों को वर्षाकाल में सतर्कता बरतने तथा मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पशुपालकों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय गतिविधियों की प्रभावी क्रियान्विति कर पशुपालन, कृषक कल्याण में भी मददगार बनें। नस्ल संवद्र्धन गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने कानून व्यवस्था, आंगनबाडी में पोषण वाटिका, पोषाहार इत्यादि की जानकारी ली। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण, वन, कृषि एवं अन्य विभागों की समीक्षा की।
बैठक में जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रभावी क्रियान्विति के लिए किए गए प्रयासों और कार्य योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार, उपखण्ड अधिकारी डॉ. पूजा सक्सेना एवं जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।