कलेक्टर ने आम के बगीचो का किया अवलोकन
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>> कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पारोद एवं पनवाडा में आजीविका मिशन के अतंर्गत संचालित स्वसहायता समूहो के माध्यम से महिलाओ द्वारा लगाये गये आम के बगीचो का आज अवलोकन किया। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत हर्ष सिहं, सहायक कलेक्टर पवार नवजीवन विजय, डीपीएम श्री एसके मुदगल एवं अन्य विभागीय अधिकारी उनके साथ थे।
कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम पारोद एवं पनवाडा में स्वसहायता समूहो के माध्यम से लगाये गये आम के बगीचे देखे। साथ ही कम समय में आम लगने की जानकारी विभागीय अधिकारी और हितग्राहियो से प्राप्त की। कलेक्टर ने इस दौरान चर्चा करते हुए कहा कि मप्र डे-ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से चालू वित्तीय वर्ष में 10 हजार किसानों के लिए बाडी लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए मिशन द्वारा स्वसहायता समूहो के माध्यम से किसानो को जागरूक करने के प्रयास शुरू कर दिये है।
कलेक्टर ने कहा कि जिला पंचायत के सीईओ हर्ष सिहं एवं आजीविका मिशन के डीपीएम श्री एसके मुदगल के मप्र डे-आजीविका मिशन के माध्यम से स्वसहायता समूह एवं किसानो की आजीविका में वृद्धि के निरंतर प्रयास कर रहे है। यह बगीचें कराहल ब्लाॅक में समवहनीय आजीविका में वृद्धि करने की दिशा में कारगर साबित हो रहे है। साथ ही 40 गावों में एक-एक हैक्टयर के बगीचे आम और अमरूद के किसानो की आय में वृद्धि करने के लिए सहायक बन रहे है। कलेक्टर ने आजीविका अनुसंधान केन्द्र सेंसईपुरा का भ्रमण कर केन्द्र के अंतर्गत विकसित की जाने वाली गतिविधियो की जानकारी ली। साथ ही अनुसंधान केन्द्र को व्यवस्थित तरीके से कारगर बनाने के निर्देश डीपीएम श्री मुदगल को दिये।
इस दौरान डीपीएम आजीविका मिशन एसके मुदगल ने बताया कि कराहल ब्लाॅक के क्षेत्र में स्वसहायता समूह एवं किसानो द्वारा 528 बाडियो में आम, अमरूद के बगीचें लगाये है। जिसमें 30 पौधे आम एवं 20 अमरूद भी लगाने की पहल की है। साथ ही हितग्राहियो के 50 आम के पौधे बडे होकर फल देने में सहायक बन गये है। उनके पौधो के बीच में अदरक- हल्दी, मटर, प्याज की भी खेती की जा रही है। इस प्रकार से 05 सैकडा महिलाओ ने अपने बगीचो में बाडी लगाकर आय के साधन जुटाये है। जिसके माध्यम से एक एकड में करीबन 04 लाख रूपयें की आय हो रही है। इस प्रकार से फलोद्यन्न खेती के माध्यम से किसान आम और गुठलीयो के दाम की कहावत को चरितार्थ कर रहे है। गढला समूह की महिलाओं ने बाडियों किसानो को कोरोना के मद्देनजर मास्क लगाकर अपने आम एवं अमरूद के पौधो में काम करने की समझाइश सोशल डिस्टेसिग के अनुसार दी जा रही है।