टाईगर रिजर्व रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य में बाघिन शिफ्ट, जिलेभर में खुशी का माहौल
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- रणथम्भौर टाईगर रिजर्व की पेरीफेरी/परिधि क्षेत्र में विचरण करने वाली बाघिन के शनिवार को प्रदेश के चौथे टाईगर रिजर्व रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य में शिफ्ट होने पर जिलेभर में खुशी का माहौल है।
युवा मामले, खेल तथा सूचना एवं जनसंपर्क राज्यमंत्री श्री अशोक चांदना ने टाईगर रिजर्व रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य में बाघिन के शिफ्ट होने पर खुशी जताई है। उन्हांेने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का बूंदी जिलेवासियों की ओर से आभार जताया है। उन्होंने कहा कि रामगढ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य में बाघिन के शिफ्ट होने से बूंदी जिले के टूरिज्म विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
पर्यटन क्षेत्र में स्थापितह होंगे नए आयाम
रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व के डीएफओ संजीव शर्मा ने बताया कि रणथम्भौर के बाहरी क्षेत्र में विचरण करने वाली बाघिन टी-102 (आयु लगभग 7 वर्ष) को रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व बूंदी के सॉफ्ट एनक्लोजर में शिफ्ट कर दिया गया है। बाघिन स्वस्थ एवं सामान्य रूप से विचरण कर रही है, बाघिन का रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व में आने से बूंदी में पर्यटन क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे।
उप वन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक (प्रथम) रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर संग्राम सिंह कटियार ने बताया कि 16 जुलाई को रणथम्भौर टाईगर रिजर्व की पेरीफेरी/परिधि क्षेत्र में विचरण करने वाली बाघिन को टाईगर रिजर्व की सीमा के बाहर राजस्व क्षेत्र में विचरण करने पर ट्रंकुलाईज कर पकडा गया। वरिष्ठ पशु चिकित्सको द्वारा स्वास्थ्य परिक्षण उपरान्त बाघिन को रेडियो कॉलर लगाया जाकर तर्दथ रूप से रामगढ विषधारी टाईगर रिजर्व के सॉफ्ट एनक्लोजर में छोडा गया। जिसकी मॉनिटरिंग वरिष्ठ पशु चिकित्सको एवं वन अधिकरियों द्वारा की जा रही है। रामगढ विषधारी में लगभग दो वर्ष से एक नर बाघ टी-115 विचरण कर अपनी टेरीटरी बना चुका है।
उन्होंने बताया कि रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में लगभग पन्द्रह बाघ/बाघिन टाईगर रिजर्व की परिधि क्षेेत्र में विचरण कर रहे है, जो अक्सर सीमा से बाहर भी विचरण कर जाते है, ये पन्द्रह बाघ-बाघिन टाईगर रिजर्व सीमा में अपनी टेरीटरी नही बना पा रहे है। जिसके परिणाम स्वरूप इनके टाईगर रिजर्व की सीमा से बाहर डिस्पर्स करने, टाईगर रिजर्व में अन्य टाईगरों से आपसी संघर्ष होने से गायब होने तथा मृत्यु होने की संभावना बढ जाती है। विभाग द्वारा इन बाघ/बाघिनों को पुनर्वास/ट्रांसलोकेट करने के हर संभव प्रयास किये जा रह है। रणथम्भौर टाईगर रिर्जव कोर प्रथम क्षेत्र में बाघों का घनत्व अधिक होने के कारण इस प्रकार के प्रयास निरन्तर जारी रखे जांएगे। इन्ही प्रयासों के तहत रणथम्भौर टाईगर रिजर्व करौली क्षेत्र में टाईगर पुनः स्थापन हेतु सॉफ्ट एनक्लोजर बनाया जा रहा है।