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दिव्यांग दंपति को फाइनेंस कंपनी वाले दे रहे जान से मारने की धमकियां

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली दिव्यांग पेंशन से अपनी आजीविका चलाने वाले  गरीब दिव्यांग दम्पति व उनके छोटे बच्चों को निजी फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है।बूंदी के लोईचा ग्राम निवासी पीड़ित दिव्यांग पप्पूलाल बैरवा ने फाइनेंस कम्पनी की प्रताड़ना से परेशान होकर मंगलवार को राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा से मदद मांगी। जिसके बाद शर्मा पीड़ित परिवार के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और एडीएम सुदर्शन सिंह तोमर को न्याय की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। दिव्यांग पप्पूलाल बैरवा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दोनों पति-पत्नी को मिलने वाली दिव्यांग पेंशन राशि से उनके परिवार का खर्चा चलता है और फाइनेंस कंपनी वाले उनके परिवार को धमकी देकर आत्महत्या के लिये मजबूर कर रहे हैं।
दोनो पति पत्नी है दिव्यांग
पप्पूलाल बैरवा ने बताया कि वह स्वयं और उसकी धर्मपत्नी सीमा दोनो जन्म से ही दिव्यांग है,सीमा मानसिक विमंदित भी है।दोनो के दो छोटे बच्चे है। दिव्यांग पप्पूलाल ने बताया कि लगभग चार वर्ष पहले दो अलग अलग फाइनेंस कंपनी वालो ने एजेंटों के माध्यम से हमें दोनों पति-पत्नी दोनों के दिव्यांग होने पर लोन में 50 प्रतिशत छूट और बिना ब्याज लोन देने की बात कहकर लोन दिया था। उनके खुद के नाम तीन लाख व मानसिक विमंदित दिव्यांग पत्नी के नाम चार लाख रूपये का लोन दिया गया था।
छूट देने के बजाय धमका रहे
अतिरिक्त जिला कलेक्टर को दिये ज्ञापन में दिव्यांग पप्पू लाल बैरवा ने कहा कि फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी लोन में दिव्यांग होने के नाते लोन में छूट देने के बजाय आये दिन हमारे घर पर आकर परिवार को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। और और पूरे परिवार को बच्चों सहित घर से जबरदस्ती बाहर करने की बोल रहे हैं। पप्पू लाल ने बताया कि फाइनेंस कंपनियों को वह अब तक 6 लाख रुपये से ज्यादा चुका चुके हैं पहले कहा की दिव्यांग छूट बाद में मिलेगी।जिससे उन्होंने तीन बीघा जमीन भी ढाई लाख रुपये में गिरवी रखकर सारे पैसे फाइनेंस कंपनियों को दे दिये। और अब तो कंपनी वाले  छूट की बात से पूरी तरह मुकर गये है।
फाइनेंस कंपनियों की मनमानी पर रोक लगे – शर्मा
राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने बूंदी जिले में फाइनेंस कंपनियों और बैंकों के द्वारा मनमानी तरीके से लोगों के घरों पर ताला लगाकर महिलाओं व बच्चों को जबरन घर से बाहर निकालकर वसूली की प्रक्रिया पर सवाल उठाये हैं। शर्मा ने कहा कि कर्जदार की सजा उसके निर्दोष परिवार को नहीं दी जा सकती है। शर्मा ने मंगलवार को एडीएम सुदर्शन सिंह तोमर से कहा कि बूंदी जिले में पूर्व में भी तीरथ गाँव में दिव्या मीणा ने बैंक द्वारा मकान सीज करने पर आत्महत्या कर ली थी। लेकिन उसके बाद भी फाइनेंस कंपनी और बैंकों के द्वारा मनमाने तरीके से लोगों के मकान सीज कर महिलाओं और बच्चों को निर्दयतापूर्वक बेघर किया जा रहा है।
बच्चा बोला ऐसे तो मेरी पढ़ाई छूट जाएगी
दिव्यांग पप्पूलाल बैरवा व मानसिक विमंदित सीमा का बच्चा निर्मल कक्षा 6 में पढ़ता है। घर पर आये दिन फाइनेंस कंपनी वालों के आकर धमकियां  देने से उसकी पढ़ाई छूटने और भविष्य बर्बाद होने का खतरा मंडरा है।निर्मल ने बताया कि कंपनी वाले उसे भी धमकियां देते हैं। मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में अपने दिव्यांग माता पिता के साथ आये निर्मल बैरवा ने दुखी होकर कहा कि उनका पूरा परिवार बहुत परेशान है और ऐसे तो उसकी पढ़ाई छूट जायेगी।