कार्यस्थल पर महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा हेतु प्रभावी हैं पॉश अधिनियम 2013 – डॉ.लौरी
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा उमंग संस्थान बून्दी के संयुक्त तत्वावधान में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम और जागरूकता विषयक विधिक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन संस्थान की अध्यक्ष डॉ. सविता लौरी की अध्यक्षता में एलिट इंटरनेशनल स्कूल में किया गया। कार्यशाला में प्राधिकरण पीएलवी सर्वेश तिवारी, वुमेन सेल प्रभारी अनुराधा जैन तथा गणेश कंवर वक्ता के रूप में मंचासीन रही।
पॉश अधिनियम महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए उमंग संस्थान की अध्यक्ष डॉ. सविता लौरी ने कहा कि पॉश अधिनियम महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। कार्य स्थल पर सुरक्षित, सम्मानजनक एवं सौहार्दपूर्ण जीवन महिलाओं का प्राथमिक आधार है। इसके लिए उन्हें सजग रहने के साथ ही अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए अनुराधा जैन ने कहा कि कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा इसे वर्ष 2013 में लागू किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करना, उत्पीड़न की घटनाओं को रोकना और उचित समाधान प्रक्रिया प्रदान करना है। कार्यशाला में उमंग संस्थान की गणेश कंवर, एलीट इंटरनेशनल स्कूल की मोनिका माहेश्वरी ने अपने विचार साझा करते हुए पॉश अधिनियम की महत्ता, इसके प्रावधानों तथा कार्यस्थल पर महिला अधिकारों की रक्षा के लिए अपनाए जाने वाले कानूनी उपायों की विस्तृत जानकारी दी।
अधिनियम की जानकारी देना सभी की जिम्मेदारी
कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए उमंग के सचिव सर्वेश तिवारी ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिला कार्मिकों को पॉश अधिनियम के प्रति जागरूक करना है। पॉश अधिनियम की जानकारी सभी कर्मचारियों को देना संस्थानों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम न केवल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है बल्कि संस्थानों को नैतिक और कानूनी रूप से जवाबदेह भी बनाता है।
कार्यक्षेत्र में आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य
डॉ. सविता लौरी ने बताया कि प्रत्येक नियोक्ता को अपने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने के लिए आंतरिक शिकायत समिति-आईसीसी का गठन करना अनिवार्य हैं। जहां कोई भी पीड़ित महिला कर्मचारी जो औपचारिक शिकायत दर्ज करवा सकती है। महिला कार्मिक क्षेत्रीय कार्यालय या मुख्यालय में संबंधित आंतरिक शिकायत समिति से संपर्क करके ऐसा कर सकती है। जब पॉश अधिनियम में शिकायत दर्ज होती है तो आंतरिक शिकायत समिति द्वारा 90 दिनों के भीतर पूरी जांच करनी होती है।
शाब्दिक स्वागत करते हुए उमंग संस्थान के समन्वयक कृष्ण कान्त राठौर ने कहा कि हमारे समाज में नारी का सम्मान हमेशा सर्वोपरि रहा है। कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। कार्यशाला के अंत में एलीट इंटरनेशनल के निदेशक राकेश माहेश्वरी ने कार्यस्थल पर हिला कार्मिकों को सुरक्षित, गरिमापूर्ण, उत्पीड़न मुक्त वातावरण उपलब्ध करवाने की बात कहते हुए आभार जताया। इस दौरान आतिश वर्मा, भाविका खत्री, हर्षिता शर्मा, अंजली सुमन, दीपा गांधी, लक्ष्मी सैनी, ममता सैनी सहित स्टॉफ सदस्य व अभिभावक भी मौजूद रहे।