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अतिक्रमण करने वालों की अब खेर नहीं,पंचायती राज विभाग ने की तैयारी

जयपुर.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री  मदन दिलावर ने चारागाह भूमि पर वर्षों से हो रहे अतिक्रमण हटाने तथा चारागाह की सुरक्षा के लिए चारागाह समिति को पुनः क्रियाशील करने के अधिकारियों को आदेश दिया है।

पंचायती राज मंत्री  मदन दिलावर के आदेशों के अनुपम में विभाग ने प्रदेश की समस्त जिला परिषदों को आदेश जारी कर निर्देशित किया है कि पंचायत में चरागाहों मैं उपयुक्त किस्म की घास, झाड़ियां और पौधों के विकास के लिए तथा अतिक्रमण को रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएं। इसके लिए पंचायत प्रत्येक गांव की चरागाह भूमि का नियंत्रण पांच व्यक्तियों की समिति को दे। जिसकी अध्यक्षता संबंधित गांव का वार्ड पंच करें और इस समिति के चार सदस्य ग्राम सभा द्वारा निर्वाचित किए जाए।
इसी प्रकार चारागाह विकास, चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने, जल एवं भूमि संरक्षण हेतु प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा दिनांक 31.07.017 को जारी आदेश के अनुसार ही जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करने एवं चारागाह विकास की योजना की समीक्षा हेतु राजस्थान कार्य विधि नियम 55 के अंतर्गत जिला प्रमुख की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय बंजर भूमि एवं चारागाह विकास समिति का गठन किया गया है। जिसका प्रशासनिक विभाग ग्रामीण विकास विभाग है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जिला स्तर पर चारागाह भूमि विकास समिति के नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पूर्व में ही समस्त जिला कलेक्टर को ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर बंजर भूमि एवं चारागाह विकास समिति के गठन हेतु निर्देशित किया हुआ है। ब्लॉक पंचायत समिति स्तर पर एवं ग्राम पंचायत स्तर पर बंजर भूमि एवं चारागाह विकास समिति का गठन जिला कलेक्टर द्वारा किया जाना है। बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड द्वारा अनुमोदित समिति के सदस्यों एवं उत्तरदायित्व का विवरण भी निर्धारित किया जा चुका है।

पंचायती राज विभाग के उपायुक्त एवं उप शासन सचिव प्रथम ने सभी जिला परिषदों को निर्देशित किया है कि ग्राम पंचायत की आबादी भूमि एवं चारगाह में हो रहे अतिक्रमण को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाए जाने की पालना निरंतर किया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा की गई कार्यवाही से विभाग को अवगत कराया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।

*ग्राम पंचायत के स्वामित्व वाली भूमि से अतिक्रमण हटाने की यह होगी प्रक्रिया*
1- पंचायत की सार्वजनिक भूमियों पर अतिचार के मामलों का पता लगाने के लिए प्रतिवर्ष जनवरी और जुलाई माह में आबादी भूमियों तालाब-तल और चरागाहों पर अतिचारीयो का सर्वेक्षण करने के लिए तीन पंचों की एक समिति बनाई जाएगी।

2- ऐसे सभी अतिचार की क्षेत्र के ब्यौरे और अतिचार की प्रकृति के साथ ग्राम विकास अधिकारी द्वारा एक रजिस्टर में प्रविष्ट किया जाएगा।

3- पंचायत आबादी क्षेत्र में ऐसे अतिचारियों को अतिचारित भूमि की बेदखली के लिए नोटिस जारी करेगी।

4- जब कभी पंचायत या उसके सदस्य या सचिव के ध्यान में लाया जाए कि अतिक्रमण किया जा रहा है। तो सरपंच द्वारा अतिक्रमण के विरुद्ध निषेधात्मक आज्ञा जारी करके तुरंत अतिक्रमण या निर्माण रोक दें। अन्यथा उसके खर्च व हरजाने पर ऐसा अधिग्रहण हटा दिया जाए और सुनवाई की तिथि तय कर पंचायत सुनवाई का समुचित अवसर देने के पश्चात उचित आदेश पारित करने की कार्रवाई करें।

5- चारागाह भूमि या तालाब-तल पर पाए गए अतिचार के सभी ऐसे मामलों की लिखित रिपोर्ट तहसीलदार को, मामले रजिस्टर करने और अतिचारियों को बेदखली के पंचायत के संकल्प के साथ किए जाने की कार्रवाई की जाए।

6- पंचायत, पंचायत भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए सीधे ही या अपने क्षेत्र के उपखंड मजिस्ट्रेट को प्रार्थना करते हुए राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा-110 के अनुसार पुलिस की सहायता भी ले सकती है।

7- पंचायत यह भी सुनिश्चित करें कि तहसीलदार द्वारा चारागाह भूमि के अतिचारीयो पर अधिरोपित शासस्तीयो की सभी रकमे नियमानुसार पंचायत निधि में पूरी तरह जमा करा दी जाए।

प्रदेश की सभी ग्राम पंचायत में अतिक्रमण हटाने और चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए पंचायती राज विभाग ने सख्त निर्देश जारी करते हुए यह आदेश दिया है कि यदि किसी ग्राम पंचायत द्वारा समिति गठित नहीं की गई है। तो समिति का गठन कराया जाकर उपरोक्त सर्वेक्षण करने एवं ऐसे सभी अतिचार की क्षेत्र के ब्यौरे और अतिचार की प्रकृति के साथ ग्राम विकास अधिकारी द्वारा एक रजिस्टर में प्रवेश किया जाना तत्काल सुनिश्चित किया जाए तथा नियम अनुसार अतिक्रमण हटाए जाने की करवाई भी सुनिश्चित की जाए। संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा की गई कार्यवाही बाबत संबंधित ग्राम विकास अधिकारी से लिखित में शपथ पत्र किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सर्वेक्षण के उपरांत ग्राम पंचायत वार अतिक्रमित चारागाह के क्षेत्रफल सहित सबसे अधिक अतिक्रमित क्षेत्रफल वाली जिले की 10 ग्राम पंचायतों की सूची अतिक्रमित चारागाह के खसरा नंबर सहित पूर्ण विवरण पंचायत राज विभाग को भिजवाया जाना सुनिश्चित किया जाए।