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न्यायालय ने निर्दलीय पार्षद रावल के तीन मतों से विजय घोषित करने को माना सही

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-जनवरी 2021 में हुए नगर निकाय चुनाव में नगर परिषद बूंदी के वार्ड 51 से निर्वाचित विजय घोषित हुई निर्दलीय प्रत्याशी संध्या रावल के खिलाफ जिला एवं सेशन न्यायालय, बूंदी में विचाराधीन चुनाव याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाया। न्यायालय ने भाजपा प्रत्याशी की याचिका को 25000 हर्जे खर्जे के साथ खारिज कर दी और अयाची संध्या रावल को 15000 एक माह में अदा करने एवं 10000 लीगल एड में जमा करने के आदेश दिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा प्रत्याशी बबीता ने संध्या रावल से 3 मतों से चुनाव हारने के पश्चात संध्या रावल के निर्वाचन को रद्द करने को लेकर अधिवक्ता सुनील शर्मा के जरिए जिला एवं शासन न्यायालय, में 24 फरवरी 2021 को एक चुनाव याचिका इन तथ्यों के साथ दायर की थी, कि संध्या रावल ने चुनाव में निर्वाचन आयोग के नियमों, शर्तों व आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। संध्या रावल के बूंदी नगर परिषद की मतदाता सूची व ग्राम पंचायत अजेता की मतदाता सूची में दोनों जगह नाम है और ग्राम पंचायत अजेता की मतदाता सूची में नाम कटाए बिना ही नगर परिषद बूंदी के वार्ड 51 से चुनाव लड़ा है और चुनाव में मतदाताओं को पैसे बांटे है, मतदाताओं को मतदान स्थल पर लाने के लिए ऑटो आदि का प्रयोग किया है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी बबीता को संध्या रावल का निर्वाचन रद्द करने हेतु याचिका लगाई गई थी।
पार्षद संध्या रावल की ओर से न्यायालय में अधिवक्ता शिफा उल हक, पंकज रॉयल, अबरार मोहम्मद एडवोकेट द्वारा प्रस्तुत दलीलों व न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होकर तथा याचिका में प्रस्तुत साक्ष्य, दस्तावेजों व अधिवक्ताओं द्वारा की गई बहस का सूक्ष्म विवेचन कर जिला एवं सेशन न्यायाशीश, बूंदी ने 5 अगस्त को चुनाव याचिका का आदेश पारित करते हुए याचिकाकर्ता की याचिका 25 हजार के हर्जे खर्चे के साथ खारिज कर दी और चुनाव आयोग द्वारा नगर परिषद, बूंदी के वार्ड संख्या 51 से निर्दलीय प्रत्याशी संध्या रावल को तीन मतों से विजय घोषित करने को सही माना।
इनका कहना है
याचिकाकर्ता द्वारा अयाची संध्या रावल के निर्वाचन को रद्द करने हेतु प्रस्तुत याचिका में वर्णित तथ्य कतई झूंठे, मनगढ़ंत व बेबुनियाद थे, नगर पालिका एक्ट 2009 के अनुसार संध्या रावल ने निर्वाचन आयोग के नियमों और शर्तों के अनुसार ही चुनाव लड़ा है और निर्वाचन विभाग ने वैधानिक चुनाव प्रक्रिया अपना कर निष्पक्ष एवं गोपनीय तरीके से चुनाव संपन्न करवा कर निर्वाचित घोषित किया है। पार्षद संध्या रावल को महज तंग व परेशान करने की नीयत से राजनीतिक द्वेषता के कारण उक्त याचिका प्रस्तुत की गई, जिसे न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर 25000 हर्जे खर्जे के साथ खारिज कर दी और अयाची संध्या रावल को 15000 एक माह में अदा करने एवं 10000 लीगल एड में जमा करने के आदेश दिए हैं।
– पंकज रॉयल, अधिवक्ता, पार्षद, संध्या रावल