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गांधी जयंती पर राष्ट्रपिता की प्रतिमा का किया अनावरण

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>शहर के महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बालचंद पाड़ा बूंदी में गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी की नवीन प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सतीश जोशी रहे तथा अध्यक्षता अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी युवराज सिंह ने की। गौरतलब हैं कि विगत दिनों में गांधी जी की प्रतिमा के जर्जर होने तथा बदहाली का मामला मीडिया में उठाया गया था, जिसके बाद विद्यालय प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए नवीन मूर्ति को सथापित करवाया। इस मामले को लेकर गांधी जीवन दर्शन समिति द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था, वहीं बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने भी विधायक कोष से महात्मा गांधी की नवीन प्रतिमा की स्थापना के लिए भी सहमति जताई गई थी।

कार्यवाहक उप-प्रधानाचार्य अनुपमा तिवारी ने बताया कि पूर्व में स्थापित प्रतिमा के काफी पुरानी तथा जीर्ण-शीर्ण हो जाने के कारण शाला की प्रधानाचार्या अनीता चौहान ने अपनी ओर से नवीन प्रतिमा स्थापित करवाई है। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा गांधी जी तथा शास्त्री जी के जीवन पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के अंत में उप- प्रधानाचार्य नवनीत जैन ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया, इस अवसर पर समस्त शाला परिवार उपस्थित रहा। संचालन रश्मि लखोटिया ने किया।
एसडीएमसी के सदस्यों को नहीं बुलाने पर जताई आपत्ति
वही कार्यक्रम में एसडीएमसी सदस्यों को नहीं बुलाने पर एसडीएमसी के सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए विद्यालय प्रशासन पर एसडीएमसी सदस्यों से पक्षपात करने व प्रक्रिया पूर्ण नहीं करने का आरोप लगाया है। एसडीएमसी सदस्य रोतित बैरागी तथा हिमालय वर्मा ने बताया कि विद्यालय प्रशासन द्वारा महात्मा गांधी की पुरानी प्रतिमा को हटाकर नई प्रतिमा लगाने की पूरी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई हैं और नहीं एसडीएमसी की बैठक बुलाकर स्वीकृति ली गई। इन्होंने कहा कि जर्जर प्रतिमा के स्थान पर नवीन प्रतिमा लगाया जाना सराहनीय हैं, लेकिन जिस प्रकार आनन फानन में प्रतिमा को बदला गया हैं वह अनुचित हैं। इसके लिए प्रधानाचार्य द्वारा एसडीएमसी की बैठक बुलाकर नियमानुसार प्रतिमा को हटाने का प्रस्ताव लिया जाना चाहिए था। बैठक बुलाई जाती तो सभी की सहमति से भव्य प्रतिमा लगाई जा सकती थी। पूरे मामले में प्रधानाचार्य की हठधर्मिता व एसडीएमसी के सदस्यों की अवहेलना की गई हैं।