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बाल विवाह रोकथाम व बाल संरक्षण के लियें सामाजिक जागरूकता महत्वपूर्ण – जाजोरिया

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बाल अधिकारिता विभाग, एक्शन एड-यूनिसेफ़ एवं चाईल्ड लाईन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में बाल विवाह व बाल श्रम रोकथाम और बाल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु उपखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन अंबेडकर भवन, केश्वराय पाटन में किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, बाल कल्याण विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। बाल अधिकारिता सहायक निदेशक हुकुमचंद् जाजोरिया ने बताया कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जिसका दुष्प्रभाव बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर पड़ता है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बाल विवाह के खतरों, इसके परिणामस्वरूप होने वाली समस्याओं और बालकों के संरक्षण के लिए वर्तमान सरकारी योजनाओं व अभियानों के बारे में जानकारी प्रदान करना था। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में बाल अधिकारिता संरक्षण अधिकारी गोविंद कुमार गौतम, ओडब्लू दीपिका वशिष्ठ, एक्शनएड-यूनिसेफ़ ज़िला समन्वयक ज़हीर आलम, परिता शर्मा, कॉउंसलर, अर्चना मीणा, केस वर्कर ने बाल विवाह के खतरे, बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक उपायों, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन, बाल विवाह मुक्त व यस टू स्कूल अभियान पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यशाला में प्रमुख वक्ता संरक्षण अधिकारी गोविंद कुमार गौतम व एक्शनएड-यूनिसेफ़ ज़िला समन्वयक ज़हीर आलम ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए समुदाय आधारित कार्यों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ-साथ बच्चों के संरक्षण हेतु अधिक से अधिक प्रयास करें। इसके अलावा, बाल विकास परियोजना अधिकारी विपिन शुक्ला ने बाल संरक्षण व बाल विवाह रोकथाम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी को रेखांकित किया और उन्हें अपने कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।
कार्यशाला के अंत में सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने क्षेत्रों में बाल विवाह की रोकथाम और बच्चों के अधिकारों की रक्षा हेतु विभिन्न कदम उठाने का संकल्प लिया। कार्यशाला में 280 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया।