केडीए का किसानों की जमीनें हड़पने का षडयंत्र पूरा नही होने देंगे – रूपेश शर्मा
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>बरड़ क्षेत्रवासियों ने केडीए के काले कानून को वापिस लेने की मांग को लेकर आर पार की लड़ाई का संकल्प लेते हुए एक स्वर में केडीए का विरोध जताया। रविवार को कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक के विरोध में भाजपा नेता व केडीए भगाओ-बूंदी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रूपेश ने बरड़ क्षेत्र के पीली की खान, देवरिया, गुर्जरों की मराडी, मालियों की मराडी, डोरा, जलोती, शोपुरिया, धनेश्वर खेड़ा, ग़ुड्डा, राजपुरा सूतडा, भगवानपुरा-चैनपुरिया, करोंदी, पटियाल, खड़ीपुर व जवाहर सागर सहित एक दर्जन से अधिक गांवों का दौरा कर जनसंपर्क करते हुए ग्रामीणों की बैठके ली।
ग्रामवासियों की बैठकें लेते हुए भाजपा नेता रूपेश शर्मा ने कहा कि कोटा कांग्रेस के मंत्री और कुछ नेता मिलकर केडीए में शामिल किये जाने वाले बूंदी जिले के 63 गांवों का विकास कराने के नाम पर भूमाफियाओं को संरक्षण देकर गरीब किसानो की जमीनें छीनने का षडयंत्र कर रहे हैं , जिसे किसी भी सूरत में पूरा नही होने देंगे। किसानो से वार्ता के दौरान शर्मा ने कहा की यदि बूंदी जिले के यह 63 गांव केडीए में शामिल हो जाते हे तो किसानो की बेशकीमती जमीनें भूमाफियाओं के हाथो सौंप दी जाएंगी।
संपूर्ण डाबी बरड क्षेत्र में चार दशक से जातिगत पाँच पीढ़ियों से क़ाबिज़ काश्तकारों के भू आवंटन अधिकारों पर रोक लगा रखी है जिसके चलते उनकी ज़मीनें छीने जाने का संकट पैदा हो गया है। केडीए की वजह से बूंदी जिले के व्यापारी वर्ग,किसानो,आर्थिक संकट के बादल छा जाएंगे और राजनेतिक दृष्टिकोण से बूंदी जिले का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। यदि सरकार जल्द ही इसे वापस लेने का मन नहीं बनाएगी तो अगले सप्ताह में 63 ग्रामवासियों के जनमत को साथ लेकर विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। काले बिल के विरोध में ग्रामीणों के साथ जनसंपर्क के दौरान संघर्ष समिति के देवलाल फागना, हंसराज गुर्जर, संजय मेवाड़ा, कन्हैयालाल गुर्जर, राजाराम भील, अंशु दाधीच, मुकुट बैरागी, देवलाल फागना, नवरत्न गुर्जर, सुगन लाल भील, सरपंच अंबालाल बैसला, समाजसेवी छीतर बैसला, सूतड़ा सरपंच अनिल मेहता, रामदेव भाठ, रंगलाल भाठ, धनेश्वर सरपंच सत्तू खटिक, सोहन पटेल खड़ीपुर, छोटूलाल प्रजापत, सर्वा गुर्जर सहित संघर्ष समिति के लोग मौजूद रहे।