डीएलसी-एमटीपी एक्ट की समीक्षा व प्लानिंग बैठक सम्पन्न
एमटीपी एक्ट के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा/ प्लानिंग बैठक संपन्न
प्रशिक्षित चिकित्सक गर्भसमापन की सेवाएँ देना सुनिश्चित करें – डॉ. आर.बी. कुरेले
गर्भसमापन सेवाओं की नियमित रिपोर्टिंग करें- डॉ हेमंत मंडेलिया
दतिया @Rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>>> जिले में मातृत्व स्वास्थ्य की सेवाओं को विस्तारित करने व महिलाओं को सुरक्षित गर्भ समापन की सेवाएं मुहैया हो सकें इस उद्देश्य से चिकित्सीय गर्भ समापन अधिनियम (MTP Act) के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति (DLC) की बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभागार में किया गया।
आयोजित बैठक में जिला स्तरीय समिति सदस्य डॉ. आरएन आर्य (सर्जिकल स्पेशलिस्ट), डॉ. एच एम उज्जैनिया (निश्चेतना विशेषज्ञ), डॉ. मधुबाला गुप्ता (स्त्री रोग विशेषज्ञ), रामजीशरण राय (सामाजिक मुद्दों के जानकार/ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर स्वदेश संस्था), डॉ. नीलम मंडेलिया (जिला स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अधिकारी) आदि उपस्थित रहे।
आयोजित बैठक में अध्यक्षता कर रहे डॉ. आर.बी. कुरेले ने कहा कि सभी प्रशिक्षित चिकित्सक गर्भ समापन की सेवाएं देना सुनिश्चित करे। संचालित शासकीय व निजी चिकित्सालय अधिनियम के प्रावधानों का पालन करें।
बैठक में एमटीपी एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. हेमंत मंडेलिया द्वारा समीक्षा बैठक के उद्देश्य के बारे में बताते हुए सेवाओं की नियमित रिपोर्टिंग करने के बारे में व्यापक जानकारी दी। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार मोनिटरिंग की जावेगी।
आईपास फाउंडेशन के संभागीय समन्वयक करुणानिधान द्वारा एमटीपी एक्ट में 2021 के संशोधन के बारे में व्यापक प्रस्तुतीकरण दिया। शासन द्वारा घोषित शर्तों एवं नियमों के बारे में व्यापक जानकारी देते हुए फॉर्म- C, फॉर्म 1st, 2nd, 3rd व फॉर्म E आदि की जानकारी दी।
वरिष्ठ समाजसेवी व जिला स्तरीय समिति सदस्य व सामाजिक मुद्दों के जानकार रामजीशरण राय ने बताया कि 2021 के संशोधन के पूर्व केवल विवाहित महिलाओं को एमटीपी की सेवाएं लेने का अधिकार था परन्तु बदलाव के बाद कोई भी वयस्क महिला (विवाहित और अविवाहित) अब गर्भ समापन की सेवाएं लेने के लिए संवैधानिक रूप से अधिकृत है। श्री राय ने व्यापक स्तर पर एमटीपी एक्ट के प्रचार प्रसार की बात कही। ताकि समुदाय जान सके कि केवल लिंग चयन आधारित गर्भसमापन अवैधानिक है।
बैठक में जिला स्तरीय समिति सदस्य/ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुवाला गुप्ता द्वारा अधिनियम के आवश्यक प्रावधानों की चर्चा करते हुए विशेष परिस्थिति में 20 से 24 सप्ताह में किए जाने वाले गर्भ समापन के लिए मेडिकल बोर्ड की अनुमति के बारे में बताते हुए जानकारी दी। 9 सप्ताह तक औषधि द्वारा, 20 सप्ताह एक RMP एवं 20 से 24 सप्ताह तक दो RMP की देखरेख में एवं 24 सप्ताह के बाद मेडिकल बोर्ड सर्जिकल प्रक्रिया के माध्यम से सेवाएं ली जा सकती हैं।
बैठक में जिला स्तरीय समिति सदस्य डॉ आर.एन. आर्या, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. एच.एम. उज्जैनिया ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक समस्त समिति सदस्य व अन्य आमंत्रित सदस्य उपस्थित रहे। उक्त जानकारी नोडल अधिकारी डॉ. हेमन्त मंडेलिया जिला स्वास्थ्य अधिकारी-1 ने दी।