आत्म मंथन से मन में व्याप्त कुरीतियों को दूर करें – सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- इस विविधताओं से भरे संसार में जहाँ मानवता अनेक रूपों, भाषाओं, संस्कृतियों, जातियों और धर्मों में विभाजित दिखाई देती है, वहीं एक शाश्वत सत्य है जो हम सभी को एक अटूट सूत्र में पिरोता है। हम सभी एक ही परमात्मा की संतान हैं, जो हमें समय-समय पर अनके रूपों में आकर प्रेम, करुणा, समानता और मानवता का दिव्य संदेश देते है। हमारे भिन्न-भिन्न रूप और रहन-सहन होते हुए भी हमारे भीतर वही एक जैसी चेतना, जीवन-शक्ति प्रवाहित होती है, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ती है।
इसी भावना को आत्मसात करते हुए, संत निरंकारी मिशन पिछले 96 वर्षों से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ अर्थात् ‘समस्त संसार एक परिवार’ की दिव्य भावना को जीवन्त कर रहा है। निरंकारी मिशन न केवल प्रेम, शांति और समरसता का पावन संदेश देता है, बल्कि सत्संग, सेवा और विशाल संत समागमों के माध्यम से उसे व्यवहार में उतारता भी है।
वहां पर उपस्थित महेश चांदवानी ने बताया हर वर्ष की भांति, इस वर्ष भी वार्षिक निरंकारी संत समागम की सेवाओं की शुरुआत एक अत्यंत भावपूर्ण क्षण के साथ हुई, जब सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी ने अपने पावन कर-कमलों से सेवा स्थल का उद्घाटन किया। यह दृश्य न केवल एक परंपरा का निर्वहन था, बल्कि सेवा, श्रद्धा और मानवता के प्रति गहरी आस्था का जीवंत प्रतिबिंब बना। इस शुभ अवसर पर मिशन की कार्यकारिणी समिति, केंद्रीय सेवादल अधिकारीगण तथा बूंदी से भी श्रद्धालु, सेवा-भाव से ओतप्रोत होकर उपस्थित रहे।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी का हार्दिक अभिन्नदन संत निरंकारी मण्डल की प्रधान आदरणीय राजकुमारी एवं संत निरंकारी मण्डल के सचिव जोगिन्दर सुखीजा ने पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए शुभ आशीषों की कामना करी।