राधेश्याम यादव ने धनतेरस पर गौशाला को दिया 10 बीघा भूमि और परिसर, डेढ़ करोड़ का दान कर गोवंश सेवा का संकल्प
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- धनतेरस के पावन अवसर पर दान की महत्ता को चरितार्थ करते हुए, काटी निवासी राधेश्याम यादव ने एक अनुकरणीय और ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने अपनी 10 बीघा भूमि और उस पर निर्मित परिसर को ‘केसरियाँ नाथ जोगनीय माँ गो सेवा समिति’ को दान कर दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने 50 गोवंश को भी गौशालाओं को समर्पित किया है।
यादव वंश से संबंध रखने वाले राधेश्याम यादव ने गोवंश की सेवा और संरक्षण को अपने जीवन का उद्देश्य चुना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने लगभग डेढ़ करोड़ रुपये मूल्य का यह परिसर और भूमि समिति को सौंप दी। यह दान धनतेरस जैसे शुभ दिन पर किया गया, जिसने इस कार्य को और भी ऐतिहासिक बना दिया है।
केसरियाँ नाथ जोगनीय माँ गो सेवा समिति से जुड़े सदस्यों ने राधेश्याम यादव के इस महान संकल्प का हृदय से स्वागत किया। समिति के सदस्य आदित्य भंडारी, महेश कुमार जैन , डाक्टर पंकज जैन ,जैनेंद्र छाजेड, सौरभ भंडारी, शुभम जैन, सोनिल भंडारी, अंकुर शर्मा, संदीप गोलेचा और नवीन जैन राजेश जी बागरेचा कोटा धर्मेन्द्र जैन अनुराग जैन चांदमल जी ठग बोराव, पारस चंद जी जैन बोराव, महावीर जी जैन हरसोरा उर्मिला भंडारी, शकुंतला भंडारी पंकज शर्मा ,पिंकी जैन,मैना जैन, सुरेश जी पटवारी बिजोलिया,संजय कुमार जैन एडवोकेट, महावीर जी धनोपिया ,ने इस अवसर पर राधेश्याम जी का अभिनंदन किया।
समिति के सदस्यों ने न केवल राधेश्याम यादव के इस अमूल्य दान के लिए आभार व्यक्त किया, बल्कि उनके गोसेवा के उद्देश्य में पूर्ण सहयोग करने का भी संकल्प लिया। यह दान न केवल गोवंश के संरक्षण के प्रति राधेश्याम यादव की गहरी आस्था को दर्शाता है, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है कि किस प्रकार शुभ अवसरों पर धर्म और सेवा के कार्यों में अपनी संपत्ति का उपयोग किया जा सकता राधे श्याम यादव का यह कदम यह संदेश देता है कि व्यक्तिगत संपत्ति का सबसे अच्छा उपयोग जनकल्याण और धर्म के कार्यों में ही है। उनका यह ऐतिहासिक दान क्षेत्र में गोसेवा और संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।