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प्रधान मंत्री आवास योजना- पात्र इंतजार में अपात्रों को बाटी जा रही रेवड़ी Pradhan Mantri Awas Yojana- Rewari being distributed to the ineligible in eligible waiting

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>> नगर पालिका अधिकारी कर्मचारियों की मनमानी व पार्षदों की दलाली के चलते प्रधान मंत्री आवास योजना को लग रहा हैं पलीता। पात्र इंतजार में अपात्रों को बाटी जा रही रेवड़ी।

नगर पालिका परिषद के गठन के पूर्व व बाद में प्रधान मंत्री आवास योजना को खुले आम पलीता लगाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शहर में कही किसी के रजिस्ट्री शुदा प्लाट पर किसी अन्य नाम से प्रधान मंत्री आवास स्वीकृत किए जा रहे हैं तो कहीं एक ही प्लाट पर अलग अलग तिथि में आवास स्वीकृत कर दिए गए, और मजेदार बात दोनो भाईयो में से किसी ने भी आवास नहीं बना कर राशि कर ली खुर्दबुर्द।

प्रधान मंत्री आवास योजना- पात्र इंतजार में अपात्रों को बाटी जा रही रेवड़ी Pradhan Mantri Awas Yojana- Rewari being distributed to the ineligible in eligible waiting

जी हां यदि नगर पालिका से शहर में गत दो तीन वर्षो से लेकर वर्तमान परिषद के गठन की आवास स्वीकृत सूची लेकर सर्वे कराया जाए तो स्थिति इससे भी ज्यादा गंभीर नज़र आयेगी कि किस तरह से जनप्रतिनिधियों व स्थानीय नेताओं व दलालों की मिली भगत से शासन की पी एम आवास योजना को पलीता लगाया जा रहा है। वार्ड नंबर १० में मिथिलेश पत्नी भरोसी लाल मंगल के दो रजिस्ट्री शुदा प्लाट है जिस पर कर्मचारियों की लापरवाही व दबाव में बिना परीक्षण किए ही गोपाल महावर के नाम से पी एम आवास स्वीकृत कर दिया गया जब इसकी जानकारी प्लाट मालिक को लगी तो उसने नगर पालिका अधिकारी को लिखित में आपत्ति लगाई आनन फानन में नगर पालिका अधिकारी ने पत्र जारी कर आवास पर रोक तो लगा दी पर आज तक भी जारी की गई राशि की वसूली भी नहीं कर पा रहे हैं वहीं दूसरा मामला नगर पालिका उपाध्यक्ष के वार्ड का है जहां एक समाचार पत्र हॉकर के नाम पर आवास स्वीकृत किया गया हॉकर द्वारा आवास नहीं बनाकर राशि खुर्दबुर्द कर ली फिर पुनः नगर पालिका ने हॉकर के भाई को भी उसी जगह पी एम आवास स्वीकृत कर दिया ओर उसके द्वारा भी आवास नही बनाया गया व आवास की राशि हजम कर ली गई चूँकि यह मामला उपाध्यक्ष के वार्ड का है तो उनकी नजरो में भी आया होगा लेकिन वो मौन धारण क्यों किए है?   वार्ड नं ०२ में दो दो मंजिल मकान वाले अपात्रों को भी आवास स्वीकृत कर दिए गए हैं। अगर  आवास योजना लागू की गई तब से अभी तक की सूची उठाकर जांच करवाई जाए तो कई घपले व खामियां उजागर हो सकती हैं।