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हमारे हस्तशिल्प हमारी जीवंत विरासत हैं– उपराष्ट्रपति Our handicrafts are our living heritage– Vice President  

Our handicrafts are our living heritage

नई दिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com>> उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि हमारे हस्तशिल्प हमारी जीवंत विरासत है, साथ ही उन्होंने हस्तशिल्प के सभी उपभोक्ताओं से स्थानीय निर्मितियों की सराहना करने और इसके बारे में मुखर होने का आग्रह किया। उन्होंने भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों के संगठित विपणन और उनकी ब्रांडिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आतंरिक वास्तुशिल्पियों (इंटीरियर डिजाइनरों) को इस समृद्ध सम्पदा पर भी ध्यान देना चाहिए।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वर्ष  2017, 2018, 2019 के लिए शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे उत्कृष्ट शिल्पकारों की अनूठी प्रतिभा भारत का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने उपस्थित शिल्प गुरुओं से कहा, “अपनी सूक्ष्म कारीगरी से, आप भारत की सांस्कृतिक विविधता को सुशोभित और समृद्ध करते हैं। आप कौशल और शिल्प कौशल की भारत की समृद्ध परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं।”

हमारे हस्तशिल्प हमारी जीवंत विरासत हैं; उन्हें बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए – उपराष्ट्रपति Our handicrafts are our living heritage; All efforts should be made to promote them – Vice President

श्री धनखड़ ने भारतीय शिल्पकारों को देश की संस्कृति और रचनात्मकता का प्रभावशाली दूत बताते हुए कहा कि उन्हें सम्मानित कर राष्ट्र उन अज्ञात कुशल शिल्पकारों की असंख्य पीढ़ियों का सम्मान कर रहा है, जो अपने पीछे इतनी समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं।

यह देखते हुए कि इन कौशलों में महारत प्राप्त करने के लिए कई पीढ़ियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप सबकी रचनात्मकता, कौशल और कड़ी मेहनत के कारण, भारत की हस्तकला की विश्व में सबसे अधिक मांग है। उन्होंने कहा “आप भारत की रचनात्मक परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हुए शिल्प कौशल की भारत की अमूर्त विरासत को आगे बढ़ाते हैं।”

भारतीय अर्थव्यवस्था में हस्तशिल्प क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि यह सत्तर लाख से अधिक ऐसे लोगों को रोजगार देता है जिनमें से एक बड़ा वर्ग ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के शिल्पकारों का हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत में हस्तशिल्प उद्योग में महिला शिल्पियों का वर्चस्व है और जो कुल हस्त शिल्पियों का 56% से अधिक हैं।

उपराष्ट्रपति ने भारतीय हस्तशिल्पियों के कल्याण और उनकी भलाई को सुनिश्चित करने के लिए हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद और केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय गई द्वारा की की पहलों की सराहना की।

केंद्रीय वाणिज्य तथा उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं वस्त्र मंत्री  पीयूष गोयल, वस्त्र मंत्रालय की सचिव श्रीमती रचना शाह, वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) शांतमनु तथा सम्पूर्ण भारत से आए पुरस्कार विजेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस आयोजन में उपस्थित थे।