फासीवाद का प्रतिरोध करने हेतु सिर्फ़ कम्युनिस्ट ही सक्षम “
भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 98 वे स्थापना दिवस पर भाकपा के राज्य कार्यालय शाकिर सदन में ” कम्युनिस्ट आंदोलन : फासीवाद के प्रतिरोध का दायित्व ” विषयक संगोष्ठी और रचना पाठ आयोजित किया गया।
इस संगोष्ठी में कॉमरेड सत्यम पांडे ने मुख्य वक्तव्य दिया।वरिष्ठ साहित्यकार कॉमरेड इकबाल मसूद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने की तथा संचालन कॉमरेड ए एच सिद्दीकी ने किया।
कॉमरेड सत्यम पांडे ने अपने मुख्य वक्तव्य में भारत में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के तत्कालीन परिदृश्य का विस्तार से उल्लेख करते हुए फासीवाद के संकट को रेखांकित किया।कॉमरेड सत्यम पांडे ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ऐतिहासिक भूमिका के महत्व को प्रतिपादित किया तथा कहा कि ” फासीवाद को पराजित करने में सिर्फ़ कम्युनिस्ट ही सक्षम हैं क्योंकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने ही सबसे पहले भारत में फासीवाद के संकट को पहचाना और इस हेतु सतर्क किया ।अपनी वैचारिक और सैध्दांतिक समझ के कारण सिर्फ़ कम्युनिस्ट ही फासीवाद का प्रतिरोध करने हेतु ईमानदार और गंभीर हैं । ”
मुख्य अतिथि कॉमरेड इकबाल मसूद ने कहा कि ” भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद जनता के हक के लिए ईमानदार संघर्ष किया है।अपनी कमजोरियों का भी ईमानदारी से विश्लेषण किया है।यह ईमानदारी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बुनियादी ताकत है।फासीवाद के खिलाफ आज इस संकट के समय में सिर्फ़ कम्युनिस्ट ही ईमानदारी से खड़े हैं।फासीवाद के खिलाफ जनता को लामबंद करना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। ”
कार्यक्रम के अध्यक्ष कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने फासीवाद के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सैध्दांतिक समझ और गंभीरता का उल्लेख करते हुए कहा कि ” फासीवाद समूची मानवता के लिए खतरनाक है,लेकिन इससे भी अधिक खतरनाक फासीवाद के खतरे को महसूस नहीं करना है।धर्म के उन्माद से ग्रस्त लोग यदि फासीवाद के खतरे को महसूस नहीं कर रहे हैं तो यह हमारे समय की बहुत बड़ी दुर्घटना है ।फासीवाद के खिलाफ जनता को लामबंद करना भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का ऐतिहासिक दायित्व है। ”
कार्यक्रम के दूसरे चरण में कॉमरेड इकबाल मसूद,कॉमरेड शैलेन्द्र शैली,कॉमरेड सत्यम पांडे और कॉमरेड सचिन श्रीवास्तव ने फासीवाद के गहराते संकट को रेखांकित करती अपनी कविताओं का पाठ किया ।
कार्यक्रम के अंत में ” भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ज़िंदाबाद ” , ” फासीवाद मुर्दाबाद ” , ” इंकलाब ज़िंदाबाद ” , ” फासीवाद से कौन लड़ेगा, हम लड़ेंगे ,हम लड़ेंगे ” , ” दुनिया के मेहनतकशों एक हो ” जैसे जोरदार नारे लगाए गए।
इस अवसर पर कॉमरेड वी के शर्मा,नवाब उद्दीन ,मुन्ने खां, एम एल सातपुते , एस आर गलफटे ,दीपक रत्न शर्मा ,शिवशंकर मौर्य ,मनोहर मिरोटे,सत्येंद्र चौरसिया , एस सी जैन , शेर सिंह,कुलदीप , जितेंद्र ,दिलीप जी सहित बड़ी संख्या में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य और गणमान्य नागरिक शामिल हुए।