चरित्रवान व्यक्ति ही धर्म की रक्षा करता है – प. पू. गणिनी आर्यिका 105 सत्यमति माताजी
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>चौगान जैन मंदिर में विराजमान प.पू. गणिनी आर्यिका 105 सत्यमति माताजी ने शुक्रवार को प्रातः की धर्म सभा में समवशरण का ज्ञान कराते हुए कहा कि चरित्रवान व्यक्ति तो धर्म की रक्षा करता है और जब धर्म की रक्षा नहीं कर पाता तो वह समाधि ग्रहण कर लेता है जैसे आ. श्री शांति-सागरजी म. ने की थी। इन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन में धर्म को प्रथम स्थान देना चाहिए, ताकि उसका उत्थान हो और अन्यथा धर्म को छोड़ने पर उसका पतन ही होता है और नरक जैसे धनधोर दुःखो को भोगता है।
विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से समझाते हुए इन्होंने कहा कि जिसका धन जाए उसका कुछ नहीं जाता, स्वास्थ जाए तो कुछ नहीं जाता, लेकिन चरित्र के चले जाने पर उसका सब कुछ चला जाता हैं। इन्होंने कहा कि जिसके पास चरित्र और धर्म है केवल वहीं सफल है बाकी सब विफल है।
चातुर्मास समिति मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन और गुंजन जैन ने बताया कि शुक्रवार सुबह मंगलाचरण बा.व. प्रीती दीदी ने किया द्वीप प्रज्जवलन व अनावरण – मुनि सेवा समिति के लोगों ने किया। गुरुवार शाम को आनन्द यात्रा करवाते हुए बा.ब्र .धर्मिष्ठा दीदी ने णमोकार मंत्र पर प्रवचन देते हुए नमोकार का सार एवं उसका महत्व बताया। इस दौरान मंगलाचरण चालीसा, भक्ति, आरती बा.ब्र. प्रीती दीदी ने की।
