खुश व्यक्ति ही समाज मे खुशियाँ बांट सकता है – डॉ.सुधीर आचार्य
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com-कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल के निर्देशन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी एव आनंद विभाग के नोडल अधिकारी अतेंद्र सिंह गुर्जर के मार्गदर्शन में विजयपुर ब्लॉक में आनंद विभाग का एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम का आयोजन जनपद पंचायत सभागार विजयपुर में आयोजित हुआ जिसमें आनंद विभाग के संभाग समन्वयक डॉ.सुधीर आचार्य, मुरैना जिले के मास्टर ट्रेनर बालकृष्ण शर्मा, श्योपुर के मास्टर ट्रेनर राजा खान, मास्टर ट्रेनर प्रदीप मुदगल एव प्रभारी ब्लॉक परियोजना अधिकारी सुश्री ज्योति चतुर्वेदी महिला बाल विकास विभाग, बलदेव उपाध्याय, रघुवीर गुप्ता के साथ 60 शासकीय सेवको ने सहभागिता की जिसमे शिक्षा विभाग से 20 शिक्षक, राजस्व से 10 पटवारी, महिला बाल विकास से 10 महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाडी कार्यकर्ता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास से 20 पँचायत सचिव ग्राम रोजगार सहायक ने सहभगिता की।
कार्यक्रम में मुरैना से आये संभाग समन्वयक डॉ सुधीर आचार्य ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक हम खुद क्या है यह नही जान लेते तब तक आनंद की कल्पना नही की जा सकती हमे हमारे जीवन का आनंद क्या है इसको जाना पड़ेगा यह सब हमारे विचारों पर निर्भर करता है हम जब तक अपने विचारों में सकारात्मकता नही लाएंगे तब तक आनंद के भाव को नही पहचान पाएंगे क्योकि आनंद बाहर खोजने की चीज नही है, इसे अंतर्मन में ही खोजना पड़ेगा इनके लिए खुद से खुद का जुड़ाव होना बहुत आवश्यक है और यह केवल ओर केवल अल्पविराम से ही सम्भव हो पायेगा अपने जीवन में अल्पविराम को उतारे ओर नियमित अल्पविराम को अपनी दिनचर्या में शामिल करते है तब जीवन में हम खुशी से रह पाएंगे और खुश व्यक्ति ही समाज मे खुशिया बांट सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि विगत कुछ वर्षों में हमारे जीवन मे सुविधाए बड़ी है मगर आनंद कम हुआ है।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रवज्जल के साथ की गई शुरुआत में श्योपुर के मास्टर ट्रेनर प्रदीप मुदगल ने आनंद विभाग की गतिविधियों को साझा किया और बताया कि हमारे जीवन मंे अल्पविराम कैसे किया जाता है अल्पविराम क्या है और इसे कैसे करते है यह एक स्वयं से स्वयं की मुलाकात है। अल्पविराम स्वयं को जानने का सबसे बेहतर माध्यम है। इसके बाद डॉ. आचार्य ने सभी प्रतिभागियों से अपने जीवन का लेखा झोखा बनाया और बताया कि हम दूसरों में कमियां जल्दी ढूंढ लेते है परंतु जब स्वयं की कमियों की बात हो तो हमारे पास कोई जवाब नही होता। हमारे जीवन मे हम आनंद से है या दुख से यह खुद का अंकेक्षण ओडिट करनेसे ही पता चल पाता है उन्होंने चार प्रश्नों के माध्यम से लाइफ़ बेलेन्स शीट तैयार करवाई। जिस पर प्रतिभागियों ने अपनी शेयरिंग भी की।
कार्यक्रम के अंत मे मास्टर राजा खान ने सभी प्रतिभागियों को बताया कि हमारी आनंद विभाग में क्या भूमिका हो सकती है हम कैसे आनंद विभाग से जुड़कर लोगो में सकारात्मकता का भाव ला सकते है, जिससे की हम सब आनंदित रह सके आप सब सक्रिय आनंदक के रूप में समाज को आनंदित कर सकते है और रिश्ते सत्र पर चर्चा की एवं अंत मे सबका आभार प्रकट कर सभी को प्रमाण पत्र वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया।