प्राकृतिक वनस्पतियां न केवल पारंपरिक चिकित्सा के साथ आधुनिक आयुर्वेद चिकित्सा में भी निभाती हैं महत्वपूर्ण भूमिका
बूंदी.krishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>राजकीय कन्या महाविद्यालय बूंदी में भारतीय ज्ञान परंपरा केन्द्र के तत्वावधान में “ भारतीय ज्ञान परंपरा में बूंदी जिले की प्राकृतिक वनस्पतियों का महत्व”विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा देवी सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वल्लन एवं माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर संदीप यादव द्वारा की गई एवं मुख्य वक्ता राजकीय महाविद्यालय कोटा के सहायक आचार्य डॉ. रामलक्ष्मण सैनी रहें। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राचीन भारतीय ज्ञान के विविध पक्षों के संदर्भ में बूंदी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अवस्थित प्राकृतिक वनस्पतियों के औषधीय महत्व से अवगत करवाकर भारतीय स्वाभिमान का भाव जागृत करना है।
मुख्य वक्ता डॉ. सैनी द्वारा अपने शोधकार्य के दौरान बूंदी जिले के वन क्षेत्रों के भ्रमण तथा वनों में उत्पन्न औषधीय पादपों के स्थानीय जनजातियों द्वारा चिकित्सा उपयोग से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक वनस्पतियों का औषधीय महत्व बहुत अधिक है। कई पौधों में औषधीय गुण होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। ये पौधे न केवल पारंपरिक चिकित्सा में,बल्कि आधुनिक आयुर्वेद चिकित्सा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के दौरान भी बिमारी के बचाव में तुलसी, नीम गिलोय,अदरक आदि के मिश्रण से निर्मित काढ़े के रूप में किया गया। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में इन वनस्पतियों का विभिन्न मानवीय बिमारियों में पुरानी चिकित्सा पद्धतियां के साथ उपयोग किया जा रहा है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ. संदीप यादव ने भारतीय ज्ञान परंपरा में वोकल फॉर लोकल को चरितार्थ करने हेतु स्थानीय उत्पादों एवं औषधीयों के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन भारतीय ज्ञान परंपरा केन्द्र के प्रभारी डॉ.हेमराज सैनी तथा डॉ. बीरम देव द्वारा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के संकाय सदस्य डॉ विनोद, डॉ चंपा अग्रवाल,रवि कुमार चौपदार, डॉ मणिलता,अरुणा अग्रवाल,श्री भोला,रवि वैष्णव, डॉ दुर्गा लाल, डॉ लीना, डॉ निरंजन एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।कार्यक्रम के समापन पर कॉलेज परिसर में वृक्षारोपण भी किया।