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मूल्य आधारित एवं व्यक्तित्व विकास के शिक्षण को रेखांकित करती है राष्ट्रीय शिक्षा नीति – डॉ. शर्मा

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunewz.com- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020  मूल्य आधारित एवं व्यक्तित्व विकास के शिक्षण को रेखांकित करती हैं। यह कहना है मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. महावीर कुमार शर्मा का। डॉ. शर्मा ने कहा कि छात्रों का सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास, नैतिक बुद्धि और समाज सेवा की भावना के साथ सशक्त नागरिकों के रूप में तैयार करना ही शिक्षा का मुख्य उद्देश्य हैं।
हट्टीपुरा स्थित डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में राष्ट्रीय शैक्षिक उत्थान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की उपादेयता विषयक संगोष्ठी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. महावीर कुमार शर्मा के मुख्यातिथ्य और कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. सविता लौरी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। संगोष्ठी में हार्टफुलनेस की जिला समन्वयक चांदनी वरियानी तथा संस्थान के निदेशक विजय बहादुर सिंह हाड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि आज के वैश्विक परिवेश में सिर्फ ज्ञान की महत्ता नहीं है। प्रतिस्पर्धा के बीच मानवीय पहलुओं और मानवतावादी दृष्टिकोण को जीवंत रखने के लिए भी शिक्षा नीति-2020 छात्रों के सम्पूर्ण विकास का खाका खींचती है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की महत्वपूर्ण सिफारिशों सहित शैक्षिक बदलावों पर भी चर्चा की।इस दौरान सहायक आचार्य कृष्ण कांत राठौर ने विषय पल्लवन करते हुए एनईपी की उपयोगिता, महत्व और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में मोनिशा रावत, शिवा नरवाला, मनोज मीणा, दीपक गौतम, नवनीत राठौर, अंशिका श्रृंगी, ज्योति मीणा, विशाल नागर, नरेंद्र बैरवा, किरण मीणा और इशिका वर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी का संचालन आयुषी गौतम ने किया तथा आभार राजकुमार त्रिपाठी ने जताया। इस दौरान डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. किरण शर्मा, संगीता राठौर, राकेश मीणा, नंदकिशोर श्रृंगी, देवी लाल, अर्जुन चौधरी सहित संकाय सदस्य और छात्राध्यापक छात्राध्यापिकाएं मौजूद रहे।
एकाग्रता व तनावमुक्ति हेतु करवाया मेडिटेशन
इससे पूर्व “ध्यान से एकाग्रता व तनावमुक्ति“ विषयक कार्यशाला में हार्टफुलनेस की जिला समन्वयक चांदनी वरियानी ने छात्राध्यापक छात्राध्यापिकाओं को एकाग्रता व तनावमुक्ति हेतु मेडिटेशन करवाते हुए मेडिटेशन को मन को शांत करने और तनाव कम करने का एक अभ्यास बताया। इन्होंने बताया कि ध्यान करने से आत्मिक और मानसिक शक्तियों का विकास होने के साथ तनाव और चिंता कम होती है, आराम मिलता है, स्वास्थ्य बेहतर होता है तथा तंबाकू छोड़ने में मदद मिलती हैं।
सफलता के लिए पुस्तकों का अध्ययन आवश्यक
कैरियर गाइडेंस के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के गुर बताते हुए सीडीईओ डॉ. महावीर कुमार शर्मा ने पाठ्य सामग्रियों के नियमित अभ्यास की आवश्यकता जताई। इन्होंने प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिलने पर मन में आने वाले नकारात्मक विचारों से बचने की सलाह दी और कहा कि करियर काउंसलिंग के माध्यम से टाइम मैनेजमेंट, सही तरीके से पढ़ाई के तौर तरीके और लक्ष्य निर्धारण करने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।