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मुंबई के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार शीतोले ने छोटी काशी की विरासत को सहेजने का दिया संदेश

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>‘बूंदी एक छिपा हुआ रत्न है, एक ऐसी जगह जहाँ समय रुका हुआ है। इसका देहाती आकर्षण और प्राचीन वास्तुकला धीरे-धीरे लुप्त हो रही है। ऐसा कहना है मुंबई के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार विक्रांत शितोले का। जिनके चित्रों की प्रदर्शनी मुंबई की जहांगीर आर्ट गैलरी में 22 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक लगाई जाएंगी, जहां इनके चित्रों में बूंदी की हेरिटेज गलियां, कुंड-बावड़ी, किले ओर पूरा सम्पदा को लोग देख सकेंगे।
छोटी काशी की विरासत को सहेजने का संदेश देते हुए मुंबई के अंतरराष्ट्रीय कलाकार विक्रांत शितोले ने कहा कि “चेसिंग चार्म – बूंदी“ के माध्यम से, मैं इसकी सुंदरता को संरक्षित कर रहा हूँ और इसकी कला, संस्कृति और विरासत को कैद कर रहा हूँ। बूंदी में मेरी यात्रा केवल कला बनाने के बारे में नहीं है; यह इतिहास के एक टुकड़े को संरक्षित करने के बारे में है जो मेरी आँखों के सामने गायब हो रहा है। मैं बूंदी की सुंदरता का जश्न मनाने और इसके महत्व का सम्मान करने के लिए इसे चित्रित करता हूँ। यह याद किए जाने का हकदार है। इसे खोना बहुत कीमती है। मैं आपको मेरी कलाकृतियों के माध्यम से बूंदी की आत्मा में डूबने और इसकी कहानी को जीवित रखने में मदद करने के लिए बूंदी के कला व विरासत प्रेमियों को आमंत्रित करता हूँ।
गौरतलब है कि पिछले माह चित्रकार शितोले बूंदी आये थे तो यहां की विरासत की पूरी श्रृंखला कैनवास पर उकेर कर ले गये थे अब मुंबई में इन चित्रों की प्रदर्शनी लगाएंगे। विक्रांत शितोले व उनकी टीम के सदस्य बूंदी की विरासत के इतने कायल है कि हर वर्ष बूंदी आते है ओर यहां की विरासत की झांकी से देशवासियों को रूबरू कराते है ।