आईपीएस सुबोध कुमार जायसवाल बने सीबीआई के नए निदेशक
नई दिल्ली @rubarunews.com>>>>>>>>>>>>> वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया है। मंगलवार देर रात उनके नाम की घोषणा कर दी गई। उनका कार्यकाल दो वर्ष का रहेगा। जायसवाल वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक हैं।
जानकारी के मुताबिक, बीते रोज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई एक अहम बैठक में सीबीआई निदेशक पद के लिए जायसवाल के अलावा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा और केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव वीएसके कौमुदी के नामों पर भी चर्चा की गई थी। लेकिन, नए निदेशक के रूप में जायसवाल के नाम पर ही मोहर लगी। बता दें कि जायसवाल काफी समय से इस पद की दावेदारी में थे। दो वर्ष पूर्व जब आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाया गया था, तब भी नए निदेशक के लिए उनके नाम को लेकर काफी अटकलें थीं।
महज 23 वर्ष में बने थे आईपीएस
सुबोध कुमार जायसवाल का जन्म 22 सितंबर 1962 को हुआ था। चंडीगढ़ के डीएवी कालेज से इंग्लिश से स्नातक किया और पंजाब यूनीवर्सिटी से एमबीए की डिग्री ली। लेकिन वह देश की सेवा करना चाहते थे और इसलिए कड़ी मेहनत कर 1985 में 23 साल की उम्र में आईपीएस अधिकारी बन गए। उन्हें महाराष्ट्र कैडर मिला और पहली पोस्टिंग 1986 में एएसपी अमरावती के रूप में हुई। वह औरंगाबाद, उस्मानाबाद और गढ़चिरौली जैसे नक्सली हिंसा से प्रभावित जगहों पर भी पुलिस अधीक्षक रहे।
कई बड़े मामलों की जांच
सुबोध कुमार जायसवाल के बारे में यह कहा जाता है कि उन्होंने हमेशा से काम को तवज्जो दी है। उन्होंने अपने काम के चलते किसी चीज की भी परवाह नहीं की। जायसवाल ने कई बड़े मामलों की जांच की है। वह कई करोड़ रुपये के जाली स्टंप पेपर घोटाले की जांच करने वाले विशेष दल के प्रमुख थे। वह एटीएस में डीआईजी रह चुके हैं। साल 2006 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले की जांच भी जायसवाल ने ही की थी। यही नहीं, जायसवाल गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एंटी-नक्सल ऑपरेशन्स के लिए भी चर्चित रहे।
जायसवाल कई अहम पदों पर रहे
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) में शामिल हुए जहां सहायक महानिरीक्षक और उप-महानिरीक्षक एसपीजी के पद पर काम किया। इसके बाद उन्हें केबिनेट सचिवालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव के पद पर भी काम किया। सुबोध कुमार जायसवाल भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस) में भी काफी समय तक कार्यरत रहे हैं। वे रॉ के अतिरिक्त सचिव भी रहे हैं। सुबोध कुमार जायसवाल सीआईएसएफ महानिदेशक बनने से पूर्व महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक और उससे पहले मुंबई के पुलिस आयुक्त के पद पर भी रहे।
असाधारण सेवा के लिए मिले राष्ट्रपति पदक
सुबोध कुमार जायसवाल अपने हर पद पर अपने काम के लिए तारीफें भी बटोरी और काम को अहमियत देते हुए आगे बढ़ते गए। 2001 में सुबोध कुमार को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। उन्होंने हमेशा से ही अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए काम किया और इसे देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें साल 2009 में फिर से उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया। बाद में भारत सरकार ने उन्हें ‘असाधारण सुक्षा सेवा प्रमाण-पत्र’ भी दिया। महाराष्ट्र सरकार भी सुबोध कुमार को ‘विशेष सेवा पदक’ से सम्मानित कर चुकी है।