निदेशक आईसीएआर, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जोधपुर द्वारा किया निरीक्षण
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>कृषि विज्ञान केन्द्र पर आई.सी.ए.आर, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर के निदेशक डॉ. जय प्रकाश मिश्रा द्वारा 14 अक्टूबर को कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यों की समीक्षा बैठक कर केन्द्र द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली। निदेशक के आगमन पर सर्वप्रथम केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. हरीश वर्मा एवं अन्य वैज्ञानिक गणों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। तत्पश्चात् केंद्र के समस्त वैज्ञानिकों के साथ केंद्र की विभिन्न जीवन्त इकाइयों का अवलोकन कर संबंधित वैज्ञानिकों को अपनी इकाइयों में आवश्यक सुधार करने के सुझाव दिये।
निदेशक द्वारा हिंडोली क्षेत्र में भ्रमण के दौरान केन्द्र द्वारा आर्या परियोजना के अन्तर्गत प्रशिक्षित श्री रामदेव स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित की जा रही मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण इकाई का अवलोकन किया गया। स्वयं सहायता समूह की मुख्य संचालक ज्योति नकलक ने तैयार उत्पादों की जानकारी देते हुए बताया कि समूह में दस महिलाएं कार्य कर रही है। जिनके द्वारा अचार, मुरब्बा व केण्डी तैयार कर जिले के साथ-साथ अन्य जिलों व दूसरे राज्यों में भी प्रसंस्कृत उत्पाद तैयार कर विपणन किया जा रहा है। जिसमें अधिक माँग आम के अचार व मिक्स अचार की आ रही है। जिससे 15-18 लाख रुपये की वाषिक आय अर्जित की जा रही है एवं स्वयं सहायता से जुड़ी प्रत्येक महिलायें घर पर रहकर प्रतिमाह छः हजार रुपये कमा रही है। निदेशक डॉ. जेपी मिश्रा ने संचालिका से विचार विमर्श करते हुए सुझाव दिया कि क्षेत्र की अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षित कर स्वयं का रोजगार बढ़ाने के लिए प्रयास किये जाये। जिस पर ज्योति नकलक ने बताया कि वो विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे प्रशिक्षणों कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर का कार्य कर रही है।
निदेशक द्वारा भ्रमण के दौरान तालेड़ा में केन्द्र द्वारा नर्सरी प्रबन्धन पर प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थी पप्पूलाल मीणा द्वारा संचालित श्री बालाजी नर्सरी का अवलोकन कर उसके द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली एवं नर्सरी को राष्ट्रीय बागवानी मिशन बोर्ड द्वारा आधिकारिक मान्यता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।
समीक्षात्मक बैठक के दौरान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे कार्यों एवं जीवन्त इकाईयों का अवलोकन कर कार्यक्षमता बढ़ाने के निर्देश दिये एवं कुशलतापूर्वक सुनियोजित कार्य केन्द्र हित में करने के दिशा-निर्देश प्रदान किए। साथ ही केन्द्र के वैज्ञानिकों से पिछले दस वर्ष की प्रसार गतिविधियों का दस्तावेजीकरण कर बुकलेट तैयार करे। जिससे केन्द्र द्वारा कृषकों के हित में किये गये कार्यों की उपयोगिता आमजन को मालूम हो सकेगी। केन्द्र पर आने वाले कृषकों की समस्याओं के समाधान लिए प्राथमिकता से कार्य किया जाये और उनकी समस्याओं का संतोषजनक निवारण करें।
निरीक्षण एवं समीक्षा बैठक के दौरान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. हरीश वर्मा, पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. घनश्याम मीणा, उद्यान वैज्ञानिक इंदिरा यादव, वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता दीपक कुमार, विजेन्द्र कुमार वर्मा, चन्द्र प्रकाश श्रृंगी, लोकेश प्रजापत, दुर्गा सिंह सोलंकी, एवं रामप्रसाद मौजूद रहे।