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ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में भारत का प्रभुत्व कायम हो रहा है- प्रल्हाद जोशी

नई दिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com>> भारत सरकार 11-13 सितंबर को भारत मंडपम, नई दिल्ली में ग्रीन हाइड्रोजन पर दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रही है।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री  प्रल्हाद जोशी ने आज आयोजित उद्घाटन समारोह में, भारत के ग्रीन हाइड्रोजन संबंधी इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने में सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला।

“ग्रीन हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीजीएच 2024) का दूसरा संस्करण भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके यौगिकों के उत्पादन के लिए वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में हमारे प्रयास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस वर्ष, तीन दिवसीय कार्यक्रम में ग्रीन हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति का पता लगाने के लिए दुनिया भर के विचारक, नीति-निर्माता, उद्योग जगत के विशेषज्ञ और अन्वेषकों एक साथ आएंगे।”

श्री जोशी ने यह भी कहा, “हम इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारत को विश्व में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में, हम स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी स्थान के लिए भारत की आकांक्षाओं के बारे में एक स्पष्ट संदेश दे रहे हैं और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत का प्रभुत्व कायम हो रहा है। राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के माध्यम से, हम भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके यौगिकों का उत्पादन करने के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की उम्मीद करते हैं। यह सम्मेलन वैश्विक दर्शकों के लिए उत्पादों, सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इस सम्मेलन में ग्रीन फाइनेंसिंग, मानव संसाधन के कौशल उन्नयन और स्टार्ट-अप पहलों पर भी चर्चा होगी। पिछले साल आयोजित ग्रीन हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले संस्करण की सफलता के बाद, हम दूसरे संस्करण का आयोजन कर रहे हैं, और यह आयोजन ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र की महत्वाकांक्षा की तरह ही इस बार बड़ा है। 2000 पंजीकरण पहले ही हो चुके हैं, और हमें अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के साथ-साथ 120 से अधिक प्रदर्शकों से 6000 से अधिक पंजीकरण की उम्मीद है।”

ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव की दिशा में अपने प्रयास के हिस्से के रूप में, ग्रीन हाइड्रोजन (आईसीजीएच) 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का पहला आयोजन भारत और दुनिया भर के हितधारकों को एक साथ लाने, ग्रीन हाइड्रोजन संबंधी इकोसिस्टम की स्थापना करने और ग्रीन हाइड्रोजन के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में सफल रहा।

उद्घाटन के लिए आयोजित कार्यक्रम के बाद से, भारतीय मिशन ने महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है, जैसे इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए 3000 मेगावाट की क्षमता प्रदान करना, ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 4,12,000 टीपीए (टन प्रति वर्ष), ग्रीन हाइड्रोजन क्षमता के 4,50,000 टीपीए और ग्रीन अमोनिया उत्पादन के 7,39,000 टीपीए के लिए निविदाएं जारी कीं। इस्पात, शिपिंग और आवागमन क्षेत्र में पायलट परियोजनाएं शुरू किए जाने की संभावना है। सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन संबंधी इकोसिस्टम में अनुसंधान से जुड़ी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अनुसंधान एवं विकास योजना भी शुरू की है।

दुनिया भर के देश जलवायु परिवर्तन से निपटने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के अपने प्रयासों को तेज कर रहे हैं। ऐसे में सम्मेलन का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। ग्रीन हाइड्रोजन तकनीक विकसित करना देश के महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए इस मांग को स्थायी रूप से पूरा करने का एक आशाजनक मार्ग प्रदान करता है।

प्रल्हाद जोशी ने सम्मेलन के कई अभिनव घटकों पर प्रकाश डाला, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन हैकाथॉन, जीएच2थॉन, एक युवा सत्र, युवाओं के लिए ग्रीन हाइड्रोजन और पोस्टर के साथ ही क्विज प्रतियोगिताएं शामिल हैं। ये पहल प्रतिभागियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करने और क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन की गई हैं।

श्री जोशी ने बताया, “हमारा जीएच2थॉन हैकाथॉन ग्रीन हाइड्रोजन संबंधी इकोसिस्टम के लिए समाधान तैयार करने के लिए प्रतिभाशाली लोगों के सामने चैलेंज प्रस्तुत करेगा। हम भारत के ग्रीन हाइड्रोजन संबंधी इकोसिस्टम में तकनीकी सफलताओं को आगे बढ़ाने के लिए अभिनव स्वदेशी समाधानों की तलाश कर रहे हैं। चाहे वह ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना हो, आपूर्ति श्रृंखला को अनुकूलित करना हो या मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ हाइड्रोजन तकनीक को एकीकृत करना हो, आपके विचार बदलाव ला सकते हैं!”

ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं, उद्यमियों और स्टार्टअप को शामिल करने वाले #जीएच2थॉन हैकाथॉन में 15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है। विजेता को 1.5 लाख रुपये, प्रथम रनर-अप को 75,000 रुपये तथा द्वितीय रनर-अप को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

हाइड्रोजन एवं ईंधन सेल अनुसंधान पर 12 सितंबर को होने वाले वैज्ञानिक पोस्टर प्रतियोगिता के फाइनल में 100 से अधिक सार-संक्षेप प्राप्त हुए हैं। प्रतियोगिता में पुरस्कार राशि के तौर पर प्रथम स्थान के लिए 50,000 रुपये, द्वितीय के लिए 30,000 रुपये तथा तृतीय के लिए 20,000 रुपये दिए जाते हैं।

इसके अतिरिक्त, कठिन प्रारंभिक दौर के माध्यम से चयनित पांच फाइनलिस्ट टीमें #आईसीजीएच2024 ग्रीन हाइड्रोजन क्विज फिनाले में क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान के लिए 50,000 रुपये, 35,000 रुपये तथा 15,000 रुपये के पुरस्कारों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी।

श्री जोशी ने यह भी कहा, “हम युवा सत्र को लेकर विशेष रूप से उत्साहित हैं, जो अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने वाले की अगली पीढ़ी को अपने विचार तथा दृष्टिकोण साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।”

इस सम्मेलन के दूसरे दिन विशेष सत्र “ग्रीन हाइड्रोजन के लिए युवाओं” आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में जलवायु परिवर्तन से निपटने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया जाएगा। इस सत्र का उद्देश्य भविष्य के ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के बारे में छात्र समुदाय को शामिल करना और शिक्षित करना है। इस सत्र में प्रतिष्ठित हस्तियां और युवा पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रीन हाइड्रोजन के बारे में जानकारी साझा करने और युवाओं को प्रेरित करने के लिए एक साथ आएंगे।

श्री जोशी ने कहा, “हमने आईसीजीएच-2024 में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय हितधारकों के साथ-साथ वैश्विक तौर पर प्रतिभाशाली लोगों को आमंत्रित किया है। यह ग्रीन हाइड्रोजन परिदृश्य के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत का तेजी से प्रभुत्व बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र के साथ जुड़ने और हमारी धरती के लिए एक स्थायी ऊर्जा भविष्य को आकार देने में योगदान करने का एक अनूठा अवसर है।”

इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 11 सितंबर, 2024 को द अशोक में आयोजित होने वाला सीईओ राउंडटेबल होगा। यह विशेष सभा ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के सीईओ और निवेशकों को एक मंच पर लाएगी, जिससे उद्योग की चुनौतियों और अवसरों पर उच्च स्तरीय संवाद को बढ़ावा मिलेगा।

इस अवसर पर भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर एस भल्ला ने कहा, “इस वर्ष का फोकस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, परिवहन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक इस्तेमाल की खोज करना और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करना है। वित्तपोषण, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और युवा सहभागिता पर प्रमुख सत्रों के साथ, यह सम्मेलन ज्ञान-साझाकरण, नवाचार और एक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की दिशा में वैश्विक प्रगति की गति को तेज करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। जैसा कि हम ग्रीन हाइड्रोजन पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं, हम एक टिकाऊ भविष्य की ओर एक परिवर्तनकारी यात्रा की अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं। यह मंच ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में अत्याधुनिक नवाचारों को आगे बढ़ाने के लिए वैश्विक तौर पर स्थापित प्रतिभाशाली लोगों को एकजुट करता है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलता है। साथ मिलकर, हम ग्रीन हाइड्रोजन को हमारे स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव का आधार बनाने के लिए नई तकनीकों, रणनीतिक साझेदारियों और मार्गों की खोज करेंगे। हम बढ़ती गति को देखकर उत्साहित हैं और ऊर्जा के भविष्य को आकार देने वाले प्रभावशाली परिणामों की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।” आईसीजीएच-2024 के लिए अमेरिका भागीदार देश होगा।

सचिव श्री भल्ला ने यह भी कहा, “नीतिगत चर्चाओं से लेकर तकनीकी प्रदर्शनों तक, आईसीजीएच-2024 को भारत की ग्रीन हाइड्रोजन यात्रा को गति देने के लिए डिजाइन किया गया है।”

इस कार्यक्रम में निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी मंत्रालयों, शैक्षणिक संस्थानों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों सहित 6,000 से अधिक लोग शामिल होंगे। जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने में वैश्विक सहयोग के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए सशक्त अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी भी चर्चा के विषयों में शामिल है।

पूर्वावलोकन कार्यक्रम में भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अपर सचिव  सुदीप जैन, भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर पी गुप्ता, भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के मिशन निदेशक श्री अभय बाकरे भी उपस्थित थे।

भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय यादव ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने दोहराते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा परिवर्तन ने वैश्विक सार्वजनिक नीतिगत चर्चा में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लिया है। उन्होंने ऊर्जा परिवर्तन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य के ईंधन के रूप में स्थान दिया जा सके, जिससे प्रमुख क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन कम हो सके। इसका लक्ष्य ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र बनना है। इससे न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, बल्कि आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता भी कम होगी।

आईसीजीएच-2024 का आयोजन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। भारतीय सौर ऊर्जा निगम और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) क्रमशः कार्यान्वयन और उद्योग भागीदार के रूप में कार्य करते हैं।