विश्व की प्राचीनतम एवं श्रेष्ठतम संस्कृति है भारतीय संस्कृति – डॉ. नागौरी
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-स्वामी विवेकानंद जयंती युवा महोत्सव के तहत तालेडा राजकीय महाविद्यालय में इतिहासकार डॉ. एस.एल. नागौरी के मुखातिथ्य और प्राचार्य डॉ. बृज किशोर शर्मा में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
अपने संबोधन में इतिहासकार डॉ. एस.एल. नागौरी ने भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम एवं श्रेष्ठ संस्कृति बताया और कहा कि भारत विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, जो अपने-आप को बदलते समय के ढालती भी आई है। गोष्ठी में स्वामी विवेकानंद के जीवन के विभिन्न उतार-चढ़ावों का वर्णन करते हुए इतिहासकार डॉ. एस.एल. नागौरी ने छात्र छात्राओं को नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद बनने के संघर्ष को समझाया। उन्होंने विवेकानंद के द्वारा सम्पूर्ण विश्व में हिन्दू धर्म को सम्मानजनक स्थान दिलाने तथा अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा प्राप्त करवाने वाले युवा के रूप में प्रदर्शित किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बृजकिशोर शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के आदर्श वाक्य के अनुरूप विद्यार्थियों को जीवन में निरन्तर आगे बढ़ते रहने का संदेश दिया। विद्यार्थियों ने भी स्वामी विवेकानंद के चरित्र की जानकारी दी। गोष्ठी का संचालन सहायक व्याख्याता डॉ. नेहा प्रधान ने किया।