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नालसा- बच्चों के लिये बाल-अनुकूल कानूनी सेवाएं योजना 02 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभांरभ

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com- म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के दिशा-निर्देशानुसार एवं  प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्योपुर श्रीमती ऊषा गेडाम की अध्यक्षता में दिनांक 19.09.2024 को जिला न्यायालय परिसर में स्थित एडीआर भवन श्योपुर में नालसा (बच्चों के लिए बाल-अनुकूल कानूनी सेवाएं) योजना, 2024 में दिये गये निर्देशों का पालन करते हुए लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन (एलएसयूसी) के अंतर्गत गठित सदस्यों हेतु  Orientation Training Module अनुसार (दिनांक 23.12.2024 व 24.12.2024) कुल 02 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज शुभांरभ किया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभांरभ में  प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्रीमती ऊषा गेडाम के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। दीप प्रज्जवलन उपरांत माननीय महोदया द्वारा उद्बोधन दिया गया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम द्वारा आप बच्चों के सर्वोत्तम विकास में अहम भूमिका निभाएंगे व समाज में कानूनी जागरूकता के माध्यम से लोगों को लाभांवित करेंगे।
इसी क्रम में प्रथम सत्र के दौरान श्रीमती शिखा शर्मा जिला विधिक सहायता अधिकारी, द्वारा नालसा की स्कीम- बच्चों के मैत्रीपूर्ण विधिक सेवायें व उनके संरक्षण के लिये विधिक सहायता योजना विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुये बताया गया कि बच्चों को सहभागिता का अधिकारी देना चाहिए। पारिवारिक, सामाजिक एवं राजनैतिक चर्चा में भी उन्हें सम्मिलित करना चाहिए, आज भी हम देखते है कि सार्वजनिक स्थलों पर बच्चों के अनुकूल व्यवस्था नहीं की जाती है जैसे वॉशवेसिन, टॉयलेट इत्यादि बच्चों के अनुकूल नहीं होते। हम समाज के हर वर्ग को प्रशन्न करने में लगे रहते है। किंतु जब बच्चों की बात होती है तो उन्हें डांटकर चुप करा देते है। अतः ऐसी स्थिति मे ंहमे बच्चों के प्रति संवेदनशीलता बरतना चाहिए एवं स्वास्थ्य वातावरण में पनपने का अवसर देना चाहिए।
द्वितीय सत्र में ममता एवं चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के जिला समन्वयक  लल्लन प्रसाद गोंड द्वारा उपस्थित समस्त लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन (एलएसयूसी) के अंतर्गत गठित सदस्यों को बाल विवाह से संबंधी कानूनी उपबंध, बाल अधिकार, व जेण्डर संवेदीकृत आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की व साथ ही प्रोजेक्टर के माध्यम से बाल तस्करी एवं बाल श्रम से जुड़े प्रावधान एवं पुलिस द्वारा उठाए गये सार्थक कदम के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
तृतीय सत्र में संरक्षण अधिकारी महिला एंव बाल विकास विभाग  विष्णुकांत दुबे द्वारा बच्चों के सर्वोत्तम विकास के प्रमुख सिद्धांत के बारे में बताया कि जब भी कोई कार्य करे उसमें बच्चों का सर्वोत्तम हित होना चाहिए, बच्चें की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए, बच्चों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, उनको सुनना चाहिए, उनके साथ स्नेह व्यवहार रखना चाहिए ताकि बच्चा अपनी कोई भी बात बिना किसी समस्या के बता सकें। इसी के साथ ही बच्चों से जुड़े विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत खुला संवाद रखा गया जिसमें सदस्यों द्वारा पूछे गये सवालों का संतोषप्रद जबाव दिया गया।
इस मौके पर  डी.एस. चौहान, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय,  अरूण कुमार खरादी, प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, श्रीमती बबीता होरा शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री ऋचा भट्ट, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सुश्री पूर्वी राय, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्रीमती शिखा शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी, श्री ललित मुदगल, अध्यक्ष जिला अभिभाषक संघ,  मुश्ताक अहमद खांन, सचिव, जिला अभिभाषक संघ, मास्टर ट्रेनर के रूप में  लल्लन प्रसाद गौंड, जिला समन्वयक, ममता संस्था,  विष्णुकांत दुबे, संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, सुश्री मधु शर्मा, सहायक संचालक, जिला शिक्षा विभाग एवं लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन (एलएसयूसी) के अंतर्गत गठित सदस्यगण उपस्थित रहें।

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com