मोहम्मद ना होते तो कुछ भी नहीं होता, कव्वाल चांद कादरी की कव्वालियों ने देर रात तक बांधे रखा श्रोताओं को
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> ऐतिहासिक कजली तीज मेला रंगमंच पर शुक्रवार रात्रि को कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन हुआ । कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ हुई ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पीडब्ल्यूडी के एक्शन एजाजुद्दीन अंसारी रहे। अध्यक्षता भाजपा शहर पूर्व अध्यक्ष महावीर खंगार ने की । विशिष्ट अतिथि निरंजन गुप्ता , रमेश हाड़ा , हितेश खिंची , सलीमुद्दीन चिश्ती, यासीन कुरेशी , सर्ददमन शर्मा , इमरान देश वाली रहे । मेला मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन ने बताया कि मेला संयोजक मानस जैन , पार्षद मोइनुद्दीन अंसारी, अंकित बुलीवाल, ओम जांगिड़, अनवर, साबिर खान ,नवीन सिंह, मनोज गौतम, राजेश शेरगढ़िया ने अतिथियों का माल्यार्पण कर साफा बंधवाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया । मंच का संचालन इंटक संयोजक राजकुमार दाधीच ने किया ।
कव्वाल चांद कादरी ने यह धरती माँ है मेरी एलान लिख देना मेरी इस जिंदगी पर —- यह किसका मकबरा है दुनिया वाले जान जाएंगे —- वह खून मेरा चमन के लिए चमन के लिए मेरी जान जाए वतन के लिए मेरा दिल जिगर और मेरी जान भी है कुर्बान कर दूं वतन के लिए —- भरत राम की तरह कर लो मिलाप हो इतना करम वतन के लिए कलाम पेश किया ।
कव्वाल चांद कादरी ने मोहम्मद ना होते तो कुछ नहीं होता नहीं कलिया खिलती तो ना गुल मुस्कुराते अगर बाग हस्ती का मालिक ना होता मोहम्मद ना होते तो कुछ नहीं होता — जमीन आसमा चांद तारे नहीं होते तो यह दुनिया के नजारे नहीं होते मोहम्मद ना होते तो कुछ भी नहीं होता —- पहले मोहम्मद फिर दुनिया बनी है इसके अदब से सजी है ना आगाज होता ना अंजाम होता मोहम्मद ना होते तो कुछ नहीं होता कव्वाली की पेशकश की तो श्रोताओं में नजराना देने की होड़ सी मच गई , कांच का बदन लेकर मत चला करो गजल पेश की ।
मेरे मौला, मेरे मौला , मेरे मौला मेरे अल्लाह मेरे मौला यह जमी है माँ हमारी , हमारी जिंदगी पर एहसान इसके ,हमारी कब्र के पत्थर से हिंदुस्तान लिख देना लहू अपना दे दूं चमन के लिए चमन के लिए कव्वाल चांद कादरी ने देशभक्ति कव्वाली की पेशकश की तो माहौल भक्ति मय हो गया। कव्वाल चांद कादरी ने दिल गया, दिल गया, दिल गया बेवफा यार मिल गया दिल गया दिल गया दिल गया — जहां जा रहे हो मुझे छोड़कर क्या कोई दूसरा मिल गया दिल गया, दिल गया ,दिल गया गजल की मनमोहक प्रस्तुति पेश की ।
मेरे मालिक मेरे ईश्वर मेरे मौला जज्बा दिल में जगा दे मौला इंसानियत का जिसमें हर तरह के कुल जन्म लेते हो ऐसा बना दे मेरे मौला कव्वाल चांद कादरी ने कव्वाली सुना कर श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा ।
मेला संयोजक मानस जैन ने बताया कि 1 सितंबर रविवार को कजरी तीज मेला रंगमंच पर राजस्थानी घूमर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित होगा ।