गिल्ली डंडे का खेल पड़ा भारी , आँख में भारी चोट ओप्रेशन से बचा आँख का आकार
बूंदीKrishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com- गिल्ली डंडे का खेल एक 14 वर्षीय बच्चे के लिए दुःस्वप्न साबित हुआ। गिल्ली के उछलकर आँख में लगने से आमली निवासी जितेंद्र की दाई आँख में गंभीर चोट लग गयी और आँख से दिखाई देना एकदम बंद हो गया तथा आँख से खून की धारा बह निकली।
घबराए हुए परिजनों ने तुरंत बूंदी में कई नेत्र चिकित्सको को दिखाया तो सबने जयपुर जाने की सलाह दी। अंत में खोजा गेट रोड स्थित अग्रवाल आई एंड स्किन हॉस्पिटल के मुख्य नेत्र रोग सर्जन डॉ. संजय गुप्ता ने जितेंद्र को देखा और तुरंत आँख का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।
डॉ. गुप्ता ने बताया की तेज़ गति से आती हुई गिल्ली के नुकीले सिरे ने आँख की पुतली (कॉर्निया ) के दो टुकड़े कर दिए, जिससे कॉर्निया पूरी तरह से फटा हुवा था। लेन्स में चोट से मोतियाबिंद बन गया और लेन्स अपने स्थान से सरका हुआ भी है।
उन्होंने बताया की ओप्रेशन में किसी भी प्रकार की देरी आँख में संक्रमण बढ़ जाने का कारण बन सकती थी, इसलिए बिना देरी किये आँख का एक जटिल ऑपरेशन कर फटे हुए हीरे को जोड़ा गया और आँख के लेन्स को पुनः अपने स्थान पर लाया जाया है , जो एक बहुत ही पेचीदगी भरा कार्य था और जोखिम से भरा हुआ भी था।
इस ऑपरेशन से आँख अपने मूल आकार में आ जायगी, लेकिन चोट गंभीर होने के कारण रोशनी वापिस आने की संभावनाय बहुत कम है। हीरे के दुरस्त होने के बाद मोतियाबिंद और पर्दे की चोटों का ओप्रेशन भी करना पड़ेगा जिसके बाद ही के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
डॉ. गुप्ता ने बताया की सभी माता पिता इस बात का ध्यान रखे की बच्चे नुकीली गिल्ली डंडे जैसे खेल नहीं खेले और विशेष सावधानी रखे।
एक जरा सी लापरवाही से बच्चो की रौशनी जाने का खतरा हो सकता है। बच्चे के पिता सूरजमल ने अग्रवाल आई एंड स्किन हॉस्पिटल की टीम की भूरी भूरी प्रशंषा की और इस जटिल ओप्रेशन हेतु उन्हें धन्यवाद दिया !