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बाल विवाह की रोकथाम के लिए दलों का गठन

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>देवउठनी एकादशी एवं अन्य अवसरों पर समाज में प्रचलित बाल विवाह की कुरीति की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने ग्रामीण स्तर पर कार्यरत कार्मिकों के दलों का गठन किया गया है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि इन दलों में संबंधित जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच, ग्राम के स्कूल के प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य, शिक्षक, भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी, ग्राम सेवक, कृषि पर्यवेक्षक, महिला पर्यवेक्षक, एएनएम, जीनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संरक्षण अधिकारी महिला अधिकारिता, आशा सहयोगिनी को रखा गया है।
उन्होंने बताया कि गठित दल में वर्णित कार्मिक अपने-अपने कार्यक्षेत्र में भ्रमण करते रहेंगे तथा यह ध्यान रखेंगे कि कोई बाल विवाह सम्पन्न न हो पाए। गांव में किसी प्रकार की रंगाई पुताई हुई हो, किन्हीं बच्चे-बच्चियों ने मेहन्दी लगा रखी हो, बच्चे स्कूल से अनुपस्थित चल रहे हो, किसी परिवार ने बैण्ड, ढ़ोल, जीप, पंडित, बस या अन्य कोई वाहन आदि बुक कर रखे हो तो भ्रमण के दौरान पता लगाकर यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रस्तावित विवाह नाबालिग बच्चों का तो नहीं है। यदि पूर्व में यह स्पष्ट हो जाए कि प्रस्तावित विवाह नाबालिग बच्चों का है तो तत्काल ही संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, कार्यपालक मजिस्ट्रेट (तहसीलदार) अथवा निकटतम पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना देंगे एवं संबंधित अधिकारी जिसे यह सूचना प्रस्तुत की जाएगी, सूचना प्राप्त होते ही बाल विवाह को तत्काल रोकने की कार्यवाही करेंगे तथा साथ ही संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट से निषेधाज्ञा प्राप्त कर नाबालिग बच्चों के बाल विवाह करने वाले आयोजकों, अभिभावकों, माता-पिता को पाबंद करेंगे।
उन्होंने बताया कि उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, विकास अधिकारी एवं संबंधित थानाधिकारी भी अपने-अपने क्षेत्र के लिए पूर्णतया जिम्मेदार रहेंगे। उनके क्षेत्राधिकारी में कोई बाल विवाह सम्पन्न न होने पाए। उपखण्ड मजिस्ट्रेट गण, तहसीलदार गण, विकास अधिकारी गण एवं थानाधिकारी गण अपने अपने क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर संबंधित गांव में उक्त कार्मिकों से सम्पर्क कर सम्पन्न होने वाले विवाहों के संबंध में सूचना प्राप्त कर तद्नुसार कार्यवाही करेंगे। यदि किसी क्षेत्र में बाल विवाह की घटना दृष्टिगोचर हुई तो संबंधित उक्त कार्मिक एवं उस क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, विकास अधिकारी के विरुद्ध भी जवाबदेही निर्धारित कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
जिला कलेक्टर निर्देश दिए है कि संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट देवउठनी एकादशी एवं अन्य अवसरों के मध्यनजर शीघ्रातिशीघ्र ही अपने अपने कार्यालय में उपखण्ड स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना करें। उक्त नियंत्रण कक्ष बाल विवाह से संबंधित प्राप्त शिकायतों, सूचना के संबंध में भी आवश्यक कार्यवाही संपादित करेंगे। नियुक्त कार्मिक बाल विवाह से संबंधित पंजिका का भी संधारण करेंगे तथ बाल विवाह से संबंधित कोई भी सूचना प्राप्त होने पर संबंधित जिम्मेदार अधिकारी को त्वरित आवश्यक कार्यवाही हेतु अवगत कराएंगे। सभी कार्यालय अध्यक्ष अपने अधीनस्थ उक्त कार्मिकों को उक्तानुसार कार्यवाही हेतु अपने स्तर पर पृथक से आदेश, निर्देश जारी कर पाबन्द करना सुनिश्चित करेंगे तथा इस आदेश की प्रति निर्देशानुसार पालनार्थ प्रेषित करेंगे।
उन्होने बताया कि उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग बाल विवाह की रोकथाम हेतु नोडल अधिकारी होंगे तथा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 16 के तहत संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं उप जिला मजिस्ट्रेट बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त है। यह अधिकारी गण अपने अपने क्षेत्र में होने वाले बाल विवाह के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे तथा जिस किसी भी अधिकारी के क्षेत्र में बाल विवाह होना पाया जाता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।