कैद में बेबस बाघ, दुविधा में वन विभाग…
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक साल पहले कोटा स्थित अभेड़ा बायलॉजिकल पार्क से रीवाइल्ड करने के लिए लाए गए बाघ को अभी तक वन विभाग खुले जंगल में छोड़ने से हिचकिचाहट महसूस कर रहा है। यह युवा बाघ कैद से आजाद होने के लिए छटपटा रहा है लेकिन इसे आजाद करने की अवधि बढ़ती जा रही है। बाघ ने शॉफ्ट एनक्लोजर में 80 से ज्यादा शिकार कर लिए है लेकिन अभी तक उसे खुले जंगल में विचरण के लिए इंतजार ही करना पड़ा है। गौरतलब है कि इस समय रामगढ़ में एक मात्र बाघ आरवीटी 1 का एक छत्र राज है और वह एक युवा बाघ को मार चुका है। करीब 6 माह पहले एनक्लोजर से छोड़ी गई बाघिन आरवीटी 8 भी बफर जोन स्थित कालदां के जंगलों में अपना इलाका बनाने में लगी है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इस युवा बाघ को टाइगर रिजर्व के बफर जोन में क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है जबकि कालदां का जंगल बाघों के अनुकूल है। बाघ के इलाके में ही दो युवा बाघिन भी अपनी टेरेटरी बना चुकी है और उन्हें भी जोड़ा बनाने के लिए बाघ की आवश्यकता है। गौरतलब है कि इस युवा बाघ को को 4 दिसंबर 2024 को रामगढ़ के शॉफ्ट एनक्लोजर में शिफ्ट किया गया था। बाघ की मॉनिटरिंग में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के प्रबंधन ने बेहतरीन तरीके से काम किया है और बाघ को खुले जंगल में छोड़ने के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश के इंतजार में है। उम्मीद है जल्दी ही रामगढ़ के एनक्लोजर में कैद बाघ को खुले जंगल में छोड़ने से बाघ प्राकृतिक वातावरण में स्वछंद विचरण कर सकेगा।
इनका कहना है
रामगढ़ के एनक्लोजर में बंद बाघ को छोड़ने का विभागीय स्तर पर पूरी तैयारी है और एनटीसीए से निर्देश मिलते ही इसे खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
सुगनाराम जाट,
फील्ड डायरेक्टर मुकुन्दरा हिल्स एवं रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी
……………
नहीं चेते तो बाघों की मॉनिटरिंग होगी मुश्किल…
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के शॉफ्ट एनक्लोजर में रिवाईल्ड के लिए लाए गए युवा बाघ को टाइगर रिजर्व के एक मात्र शक्तिशाली बाघ आरवीटी 1 की टेरेटरी से बाहर छोड़ा जाना उचित होगा। एनक्लोजर में बाघ शिकार के गुर सीख चुका है और वयस्क भी हो चुका है जिसे अधिक दिनों तक अंदर रखना उचित नहीं है। रिज़र्व में बढ़ती बाघों की संख्या को देखते हुए विभाग को टाइगर रिजर्व के तलवास व कालदां बफर जोन के जंगलों को भी बाघों के अनुकूल बनाने पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो बहुत जल्द बाघों के लिए सेंचुरी का इलाका काफी कम पड़ने वाला है।
(पृथ्वी सिंह राजावत)
#wildlife #tiger
