कोविड गाइड लाइंस का पालन-प्रशासन की नाकामी कहें या जनता का मौत को बुलावा?
गोहद.ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> देशभर में जिस रफ्तार में कोरोना फैल रहा है, उससे लगता है कि स्थिती बहुत ही भयानक होने वाली है, लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों और कोरोना से मरने वालों की संख्या के आंकड़ों को देखकर ऐसा लगता है कि स्थिती हाथ से फिसलती जा रही है। लेकिन गोहद की जनता है कि कोरोना को खुला आमंत्रण दे रही है। कोरोना की चेन को तोडऩे के लिए जिला प्रशासन ने 30 अप्रैल तक जनता कर्फ्यू का ऐलान किया है। जिससे कि महामारी की चेन को तोड़ा जा सके, लेकिन गोहद विधानसभा की जनता इस महामारी के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है। जनमानस की परेशानी को देखते हुए जनता कर्फ्यू में कुछ समय की छूट रखी गई, जिसकी अवधि में लोग उपयोगी सामान की खरीददारी कर सकें। अप्रैल व मई में पडऩे वाले सहालगों के कारण बाजारों में सुबह से ही जनता की चहल कदमी शुरू हो जाती है, दुकानदार अपनी दुकानों के बाहर बैठे रहते हैं और ग्राहकों को लेकर दुकान के अंदर चले जाते हैं और शटर को बंद कर दिया जाता है। दुकानदारों का एक साथी बाहर निगरानी में रहता है और ग्राहकों को बुलाकर दुकान के अंदर करता है। ऐसा लग रहा है मानो कि लोगों में कोरोना का जरा सा भी भय नहीं है। प्रशासन द्वारा जनता को जागरुक करने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जनता में इसका कोई असर नहीं हो रहा है। इसे ‘प्रशासन की नाकामी कहे या जनता का मोत को बुलावा?
बाजारों में कर्फ्यू के बाद भी दिनभर रहती है चहल कदमी
‘दो गज दूरी मास्क है जरूरी वाले नारे का जनता और दुकानदारों द्वारा मजाक बना रखा था चाहे सब्जी की दुकान हो, किराने की दुकान हो, रेडीमेड कपड़ों की, साडिय़ों की दुकान हो या सर्राफा की दुकान, किसी भी दुकान को देखकर नहीं लग रहा था कि लोगों के अंदर कोरोना का जरा सा भी भय हो, वहीं कुछ लोग तो मास्क लगाना भी जरूरी नहीं समझ रहे हैं, सिर्फ किसी पुलिसकर्मी के सामने दिखाई देने पर महज दो मिनिट के लिए चालान से बचने लिए ही कुछ लोग मास्क लगा रहे हैं। प्रशासन ने अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो गोहद में भी अन्य शहरों की तरह कोरोना की स्थिती को संभाल पाना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा।