खबरताजातरीनदतिया

प्रख्यात गांधीवादी चिंतक एवं विचारक पद्मश्री सुब्बराव ‘भाई जी’ की तबियत नाजुक

प्रख्यात गांधीवादी विचारक डॉ.एस. एन सुब्बराव की तबियत नाजुक, फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर

दातिया@rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>>> राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन के सहभागी रहे स्वतंत्रता सेनानी व प्रख्यात गांधीवादी चिंतक एवं विचारक पदमश्री डॉ. एसएन सुब्बराव, जिनको ‘भाई जी’ के नाम से जाना जाता है, जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती हैं। दोपहर तक उनकी तबियत में सुधार हो रहा था, लेकिन आज शाम को अचानक हृदयाघात होने से उनकी सेहत नाजुक बनी हुई है।

डाक्‍टरों ने इलाज के लिए उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम यानी कि वेंटिलेटर पर रखा है। वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. एसएन सुब्बराव की तबीयत पर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल चिकित्सकों के अनुसार उनकी हालत स्थिर बनी हुई है.

हाल ही में राजस्‍थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने शनिवार को सवाई मानसिंह चिकित्सालय जाकर वहां भर्ती प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक डॉ. एस एन सुब्बराव से मुलाकात की एवं उनकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने वहां मौजूद चिकित्सकों से डॉ. सुब्बाराव के इलाज के बारे में जानकारी ली थी।

93 वर्षीय भाई जी देश के युवाओं से जुड़े हुए हैं। लगातार युवा शिविरों के माध्‍यम से रचनात्‍मक कार्य में जोडने का अभिक्रम चला रहे हैं। 6 दशक से ज्यादा समय से शिविर लगाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

गांधीवादी व्‍यक्तित्‍व के रूप में माने जाने वाले एस.एन सुब्बराव उन लोगों में से हैं, जो 1942 के भारत छोड़ा आंदोलन में शामिल हुए और जेल भी गए थे। सुब्बराव ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और के.कमराज जैसे दिग्गज नेताओं के साथ भी काम किया है।

उन्होनें 1954 में पहला गांधी आश्रम, बागियों के लिए कुख्यात चंबल के जौरा गांव में 10 माह तक चलाया और अपने इस आश्रम के माध्यम से उन्होंने 1972 में कुख्यात डकैत मोहन सिंह, माधो सिंह सहित 600 से अधिक नामचीन डकैतों का आत्‍मसमर्पण करवाया।

सुब्बरावजी विदेशों में भी लेाकप्रिय हैं और वहां पर नई पीढ़ी को देश के बारे में बताते हैं। यहां के संस्कार, संस्कृति, अनेकता में एकता का संदेश युवाओं तक पहुंचाते हैं।