महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी कदम – महिला अधिकारिता उपनिदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में महिला अधिकारिता विभाग निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में महिला अधिकारिता उपनिदेशक, डॉ. जगदीश प्रसाद ने शुक्रवार को कार्यालय सहायक निदेशक महिला अधिकारिता बूंदी का निरीक्षण कियागया। निरीक्षण के दौरान दौरान उन्होंने जिले में संचालित विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की एवं गतिविधियों में भाग लिया और महिला सेवा केंद्रों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
सहायक निदेशक महिला अधिकारिता, भेरू प्रकाश नागर ने जानकारी देते हुए बताया कि उपनिदेशक डॉ जगदीश प्रसाद ने सबसे पहले बहादुर सिंह सर्कल स्थित महिला अधिकारिता कार्यालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक में लाडो प्रोत्साहन योजना, वन स्टॉप सेंटर, महिला सलाह केंद्र, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना समेत विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति का विश्लेषण किया गया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक योजना का लाभ जरूरतमंद महिलाओं और बालिकाओं तक प्रभावी रूप से पहुंचे तथा पारदर्शिता बनाए रखी जाए।
‘बेटियों के नाम एक पौधा‘ – पर्यावरण और बेटियों को समर्पित
समीक्षा बैठक के पश्चात डॉ. जगदीश की अगुवाई में ‘बेटियों के नाम एक पौधा’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बालिका सम्मान, लैंगिक समानता और पर्यावरण संरक्षण को एक सूत्र में पिरोते हुए सामाजिक चेतना का विस्तार करना है। इस अवसर पर उपनिदेशक सहित विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कार्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के पौधे रोपे।
सखी वन स्टॉप सेंटर और महिला सलाह केंद्र का निरीक्षण
बाद में उपनिदेशक ने जिला राजकीय चिकित्सालय परिसर में संचालित ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’ का दौरा कर वहां दी जा रही सेवाओं का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्र में उपलब्ध चिकित्सा, कानूनी, परामर्श एवं आश्रय सेवाओं की गुणवत्ता और संचालन प्रणाली की सराहना की। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में महिलाओं को एक ही स्थान पर समग्र सहायता देना ‘वन स्टॉप सेंटर’ की अवधारणा को सार्थक करता है।
इसके उपरांत उन्होंने महिला थाना परिसर बूंदी में संचालित ‘महिला सलाह एवं सुरक्षा केंद्र’ का दौरा किया और महिलाओं को दी जा रही सलाहात्मक और सुरक्षात्मक सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि परामर्श की प्रक्रिया को संवेदनशील, गोपनीय एवं परिणामोन्मुखी बनाया जाए ताकि पीड़ित महिलाएं बिना किसी झिझक के अपनी बात कह सकें और उन्हें न्याय व सहारा मिल सके।
उप निदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद ने पूरे दौरे के दौरान अधिकारियों को विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समर्पण भाव से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है, और इसमें ज़मीनी स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कार्यकर्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर महिला अधिकारिता विभाग वरिष्ठ सहायक महिला अधिकारिता के वरिष्ठ सहायक रविराज मिश्रण, कनिष्ठ सहायक युगेश्, पर्यवेक्षक प्रीति बंशीवाल, रजनी शर्मा, सलोनी कुमावत, सुमन बैरवा, एक्शन एड-यूनिसेफ़ जिला समन्वयक ज़हीर आलम, डी एच ई डब्ल्यू जेंडर स्पेशलिस्ट विनिता अग्रवाल, पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान केंद्र प्रबंधक पूर्णिमा गौतम, कांउसलर सलोनी शर्मा, अक्षिता चारण, कानूनी परामर्शदाता प्रिया एवं अनस सिद्दीकी, आनंद कुमार वर्मा, नवल किशोर शर्मा उपस्थित रहे।