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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने किया शिक्षा अधिकारियों के साथ संवाद

जयपुर.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-शिक्षा विभाग के मुखिया शिक्षामंत्री  मदन दिलावर ने बुधवार को विभाग के शिक्षा अधिकारियों व प्रधानाचार्यों के साथ एक अनोखी पहल की। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों की बात सुनी और अधिकारियों को शिक्षा को उच्चतर स्तर पर ले जाने के लिए नई राह दिखाई। प्रताप नगर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल के रुद्राक्ष सभागार में जयपुर जिले के अधीनस्थ कार्यालयों एवं विद्यालयों के शिक्षा अधिकारियों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री  मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में भारत में सर्वोपरि बनाने का बड़ा जिम्मा आप लोगों के ऊपर है। जिसको पूरा करने के लिए बड़ा लक्ष्य बनाएं व छोटे-मोटे व्यवधानों से ना घबराएं। इसके साथ ही विद्यार्थियों को संस्कारित बनाने व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने पर भी ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि शिक्षक विवेकानंद और शिवाजी जैसे व्यक्तित्व तैयार करें।

शिक्षामंत्री ने हरियालो राजस्थान अभियान की चर्चा करते हुए पेड़ों के महत्व और वर्तमान समय में पेड़ों की महती आवश्यकता पर भी शिक्षकों से संवाद किया। उन्होंने पीएमश्री विद्यालयों में किए जा रहे नवाचार, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास, विवेकानंद मॉडल स्कूल आदि सहित अन्य विषयों पर शिक्षकों से बात की।

प्राचार्यों ने शिक्षामंत्री से संवाद करते हुए अपने नवाचारों से अवगत करवाया। किसी ने वीडियोज के जरिए रोचक अंदाज में शिक्षा देने की बात कही तो किसी ने नव नियुक्त शिक्षकों के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित कर उनका संबलन करने के नवाचार की जानकारी प्रदान की।

शिक्षामंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने शुरुआती डेढ़ वर्ष में ३३ हजार पदोन्नतियां की हैं, शेष रह गई पदोन्नतियां भी शीघ्र कर दी जाएंगी। शिक्षकों को गैरशैक्षणिक कार्यों में लगाने की चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि केवल आवश्यक कार्यों में ही शिक्षकों को लगाया जाता है क्योंकि राजकीय कर्मचारियों में सर्वाधिक संख्या शिक्षकों की है। हाल ही में भेड़ गिनने में शिक्षकों को लगाए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद तुरंत जिला कलेक्टर को आदेश निरस्त करने के निर्देश दे दिए गए थे।

हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला के सचिव श्री सोमकांत ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति वह नहीं होता जो केवल अक्षर ज्ञान प्राप्त करता है, वह होता है जो प्रकृति व मानव समाज के प्रति दया का भाव रखते हुए, कर्तव्य का निर्वाह करते हुए आगे बढ़ता है। अध्यापकों व विद्यार्थियों की गुणवत्ता जो सरकारी विद्यालयों में है, वो निजी विद्यालयों में नहीं है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और चाणक्य के उदाहरण देते हुए शिक्षकों का महत्व व उनकी भूमिका की चर्चा की।

कार्यक्रम में विशेषाधिकारी सतीश गुप्ता व संयुक्त निदेशक श्रीमती मंजू शर्मा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में जयपुर जिले के अधीनस्थ कार्यलयों एवं विद्यालयों के शिक्षा अधिकारियों तथा प्राचार्य समेत कई अधिकारियों ने भाग लिया।