स्कूलो में शिक्षा के लिए फ्रेंडली वातावरण बनाये-कलेक्टर Create friendly environment for education in schools – Collector
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>>कलेक्टर संजय कुमार ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिये कि स्कूलों में शिक्षा के लिए बच्चों के बीच फ्रेंडली वातावरण का निर्माण किया जायें, जिससे वे बेहतर तरीके से अध्ययन कर सकें और शिक्षक भी सकारात्मक वातावरण में अध्यापन कार्य करायें। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षक जो विषयवार अध्यापन का कार्य गंभीरता के साथ करा रहे है, उन्हें प्रशस्ती पत्र प्रदान किये जायेगे, जबकि ऐसे शिक्षक जो अध्यापन के कार्य में रूचि नही ले रहे है, उनके खिलाफ कडी कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र सिंह तोमर, डीपीसी डॉ पीएस गोयल, एडीसीपी मान सिंह परमार, सीएम राईज के प्राचार्य अशोक खण्डेलावाल सहित विभिन्न संकुल प्राचार्य उपस्थित थे।
स्कूलो में शिक्षा के लिए फ्रेंडली वातावरण बनाये-कलेक्टर Create friendly environment for education in schools – Collector
कलेक्टर श्री कुमार ने संकुल प्राचार्यो को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने संकुल में पढाई की मॉनीटरिंग करते हुए संकुल के ऐसे एक शिक्षक का नाम अनुशस्ति करें जो बच्चों को मेहनत और लगन से पढा रहे, इसके साथ ही ऐसे शिक्षको को भी चिन्हाकित करे जो अध्यापन कार्य में रूचि नही लेते है। उन्होंने निर्देश दिये कि विद्यालयों में छात्रो की 100 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जायें। शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए शिक्षक स्कूल समय से 15 मिनिट पहले विद्यालय पहुचें तथा जो बच्चें स्कूल नही आ रहे, उन्हें घर-घर जाकर स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि 17 जुलाई को स्कूलो में प्रवेश उत्सव कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे, जिसमें मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी होगा। इसके लिए विभिन्न माध्यमों से व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायें। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि ऐसे शिक्षक जो स्कूल जाने के वजय निजी कोचिंग संचालित कर रहे है, उन पर कडी कार्यवाही की जायें। उन्होंने कहा कि प्रायमरी एवं मीडिल स्कूलो में बच्चों को मैन्यू अनुसार गुणवत्तायुक्त मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराया जायें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि योग्य अतिथि शिक्षको की नियुक्ति विषय की आवश्यकतानुसार की जाये। उन्होंने कहा कि स्कूलों में पढाई के अनुकूल वातावारण तैयार किया जाये तथा निर्धारित टाईम टेबिल के अनुसार बच्चों के अध्यापन का कार्य कराया जायें, उन्हें प्रतिदिन होमवर्क दिया जाये और नियमित रूप से होमवर्क का मूल्याकन भी किया जायें। उनके निरीक्षण के दौरान यदि स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन के कार्य में लापरवाही पाई गई तो शिक्षको के साथ-साथ सीएसी और संकुल प्राचार्यो पर भी कार्यवाही की जायेगी।