नागरिक सुरक्षा व जागरूकता हेतु मॉकड्रिल के माध्यम से प्रशिक्षण बाबत् कलेक्टर ने ली बैठक
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने मंगलवार को सिविल डिफेंस द्वारा आयोजित होने वाली मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में मॉक ड्रिल की रूपरेखाएं विभिन्न विभागों की भूमिका और समन्वय पर विस्तृत चर्चा की गई।
जिला कलेक्टर ने मॉक ड्रिल को सफल बनाने और सभी संबंधित अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा की स्थिति में लोक कल्याणकारी राज्य की मंशानुसार नागरिकों की सुरक्षा हेतु त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों से आपसी समन्वय बनाए रखने और मॉक ड्रिल के दौरान आने वाली चुनौतियों की पहचान कर उन्हें दूर करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने का आह्वान किया।
बैठक में सिविल डिफेंस के अधिकारियों ने मॉक ड्रिल की विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत की जिसमें विभिन्न संभावित आपदा परिदृश्यों का अभ्यास शामिल होगा। जिला कलक्टर ने इस योजना की समीक्षा की और आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मॉक ड्रिल के बारे में आम जनता को पर्याप्त जानकारी दी जाए ताकि किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति न रहें। उन्होंने निर्देश दिए कि विद्यालयों में छात्र,छात्राओं को बचाव के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया जावें।
बैठक में जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि भारत सरकार के निर्देशानुसार ग्रामीण स्तर तक मॉक ड्रिल की गतिविधियां कराई जाए। आपदा की स्थिति में कैसे बचाव करें व इसको लेकर अधिक से अधिक गतिविधियां कराई जावें। एनसीसी,सिविल डिफेंस एवं शिक्षा विभाग के पास प्रशिक्षण लेने वालों का संपूर्ण डाटा उपलब्ध रहें। इसके अलावा मानसिक रूप से तैयार रहें और आपदा मित्र एवं फायर फाइटर आदि की सूची प्राप्त की जावें।
इस सम्बन्ध में होमगार्ड, आरएसी, एनसीसी, स्काउट, एनएसएस इत्यादि के माध्यम से विभिन्न दुर्घटनाओं व मानव क्षति की संभावनाओं के मद्देनजर आसूचना तंत्र को ग्राम स्तर तक सक्रिय कर समुचित सुरक्षा व चिकित्सा व्यवस्था बाबत् चर्चा की गई साथ ही, आरएसी, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, पुलिस इत्यादि के पास विभिन्न सुरक्षा उपकरणों व कार्मिकों के दक्षता अनुसार डाटाबेस तैयार कर 24 घंटे में जिला मजिस्ट्रेट/पुलिस अधीक्षक व जिला कन्ट्रोल रूम को उपलब्ध कराने हेतु भी निर्देशित किया गया।
साथ ही अग्निशमन उपकरणों की विभिन्न कार्यालयों/संस्थानों यथा पेट्रोल पम्प, रेलवे विभाग, बैंक इत्यादि में उपलब्धता के साथ-साथ कार्यपालक मजिस्ट्रेट (उपखण्ड अधिकारी/तहसीलदार) के वाहनों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम (पीएएस/वायरलेस सिस्टम को सुचारू रखने हेतु भी चर्चा की गई।
किसी भी आकस्मिक दुर्घटना की दशा में बचाव दलों द्वारा त्वरित घटना स्थल पर पहुंचने व राहत/चिकित्सा के साथ-साथ परिवहन हेतु वाहनों की उपलब्धता जिला परिवहन अधिकारी के माध्यम से करने हेतु स्पष्ट निर्देश प्रसारित किये गये।
साथ ही स्थानीय नागरिकों को भी ब्लैक आउट उपायों हेतु विशेष अलार्म सुनाई देने पर स्वतः निवासों की विद्युत/प्रकाशीय उपकरणों को स्विच ऑफ करने के सम्बन्ध में स्थानीय निकायों/पंचायतीराज संस्थाओं के माध्यम से व्यवस्था व इस सम्बन्ध में मॉकड्रिल करने पर विशेष बल दिया गया ताकि सुरक्षा तंत्र सक्रिय हो सकें।
बैठक में पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार मीणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर सुदर्शन सिंह तोमर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, आयुक्त नगर परिषद, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अधिषाशी अभियन्ता, जिला परिषद, समन्वयक, एनसीसी, एनएसएस,/नेहरू युवा केन्द्र प्रतिनिधि, प्लाटून कमांडर, आरएसी, होमगार्ड, सीओ स्काउट उपस्थित रहें।
*7 मई को पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जिला बूंदी में ब्लैकआउट अभ्यास*
ब्लैकआउट के तहत सायरन की आवाज के साथ बंद की जाएगी स्ट्रीट लाइट्स इसके बाद सभी लोगों को अपने घर की सभी लाइटें, मोबाइल टॉर्च, रोड लाइट, हाईमास्ट लाइट, एनएचएआई और स्टेट हाईवे पर लगी लाइट, टोल पर लगी लाइट के साथ-साथ कार की लाइट भी बंद करने के साथ पूर्ण रूप से अंधेरा करके ब्लैक आउट को सफल बनाने में पुलिस एवं प्रशासन का सहयोग करने की अपील की गई हैं।