पुस्तकें मनुष्य के मानस पटल पर स्थायी प्रभाव डालती हैं- डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय Books have a lasting impact on a person’s psyche – Dr. Mahendra Nath Pandey
नईदिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com>>केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने हिंदी दिवस पर बीएचईएल की झांसी इकाई से मंत्रालय के 25 कार्यालयों के पुस्तकालयों का वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं एक-दूसरे की पूरक हैं और स्वाभिमान की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति अपनी भाषा में ही हो सकती है। गौरतलब है कि डॉ. पांडेय ने इस साल 16 जून को मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की मसूरी में हुई बैठक में निर्देश दिए थे कि मंत्रालय के अधीन आने वाले कार्यालयों में हिंदी की सामग्री बढ़ाई जाए और पुस्तकालयों को आधुनिक रूप दिया जाए। इसी सिलसिले में, झांसी में बीएचईएल कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पुस्तकें मनुष्य के मानस पटल पर स्थायी प्रभाव डालती हैं और प्रतिकूल समय में जोश भरने का काम करती हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि मंत्रालय के सभी कार्यालयों में हिंदी और क्षेत्रीय भाषा की कम से कम तीन सौ पुस्तकें ज़रुर हों। डॉ. पांडेय ने कहा कि पुस्तकें करुणा,दया और सहिष्णुता के मूल्यों का समावेश करती हैं। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री और गृहमंत्रीजी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी का काम लगातार बढ़ रहा है और भारी उद्योग मंत्रालय में भी उनतक आने वाली सभी फाइलें हिंदी में ही होती हैं। हाल ही में संपन्न जी-20 के लिए तैयार किए गए ऐप की चर्चा भी की जिससे हिंदी की सामग्री का तुरंत कई भाषाओं में अनुवाद हो जाता था जिससे विदेशी प्रतिनिधियों के साथ उनकी ही भाषा में संवाद करना आसान हुआ। डॉ. पांडेय ने बुंदेलखंड क्षेत्र की महान साहित्यित विभूतियों में मैथिली शरण गुप्त, महावीर प्रसाद द्विदी, सुभद्रा कुमारी चौहान, वृंदावन लाल वर्मा को खासतौर से याद किया।
पुस्तकें मनुष्य के मानस पटल पर स्थायी प्रभाव डालती हैं- डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय Books have a lasting impact on a person’s psyche – Dr. Mahendra Nath Pandey
डॉ. पांडेय ने चंद्रयान-3 में योगदान के लिए बीएचईएल को बधाई दी और बताया कि सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लिए 2017 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंज़ूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि 17 सितंबर से शुरु होने जा रहे प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से 18 प्रकार के कारीगरों को जोड़ा जाएगा और बीएचईएल की झांसी इकाई इस योजना का एक बड़ा केंद्र बन सकती है। इस मौक़े पर उन्होंने हरित बीएचईएल अवधारणा-पत्र का विमोचन भी किया जिसमें जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए बीएचईएल के प्रयासों की चर्चा है। माननीय मंत्री ने कहा कि बीएचईएल ने 75 हज़ार पौधे लगाकर अगली पीढ़ी के लिए प्रति उत्तरदायित्व का पालन किया है।
इससे पूर्व, बीएचईएल के सीएमडी डॉ. नलिन सिंहल ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवी सबसे बडी अर्थव्यवस्था है और इसका माध्यम हिंदी रही है और इसलिए बीएचईएल प्रबंधन अपने कर्मियों को हिंदी के प्रति लगातार जागरुक कर रहा है। वहीं, मंत्रालय में संयुक्त सचिव विजय मित्तल ने कहा कि आज़ादी के अमृतकाल में तकनीक के साथ हम भाषा-विस्तार भी हो, मंत्रालय इसकी कोशिश करता रहेगा क्योंकि पुस्तकालय सौहार्द और समरसता में वृद्धि का माध्यम होते हैं।
इस कार्यक्रम में, मंत्रालय से आए अधिकारियों के अलावा, मंत्रालय के अधीनस्थ सभी 16 उपक्रमों के सीएमडी और निदेशक भी ऑनलाइन जुड़े रहे। डॉ. पांडेय ने कार्यक्रम के समापन के बाद, बीएचईएल की झांसी इकाई में मालगाड़ियों के लिए तैयार इंजन का जायजा भी लिया।