
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में मंगलवार दोपहर मेज नदी किनारे बने बजाल्या एनक्लोजर से युवा बाघिन को खुले जंगल में छोड़ दिया गया। बाघिन को अब आरवीटी 8 के नाम से जाना जाएगा। गौरतलब है कि रणथंभौर की बाघिन एरोहेड के तीन युवा शावकों ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर क्षेत्र व फोर्ट इलाके में अपना आशियाना बना रखा था। पिछले दिनों हुई तीन घटनाओं में एक बच्चे सहित तीन लोगों को मौत के घाट उतारने की घटनाओं में भी इन्ही बाघ शावकों के शामिल होने की आशंका के चलते विभाग ने इन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय किया था। इनमें से एक नर बाघ को धौलपुर करोली टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया तथा मादा बाघिन को आरबीटी 2508 को एक माह पहले रामगढ़ में शिफ्ट किया गया था। इनकी एक बहिन को मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया है। रामगढ़ में आज रिलीज की गई बाघिन आरवीटी 8 को आक्रामक तेवर वाली बताया गया है हालांकि वन विभाग रेड़ियो कॉलर से इसकी नियमित निगरानी में जुट गया है।
आधा दर्जन बाघ-बाघिनों का रामगढ़ के खुले जंगल में विचरण

राज्य में चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में अस्तित्व में आकर फिर से उभरते रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में अब 3 नर व चार मादा बाघिन हो गई है जिनमें एक जोड़ा वयस्क तो एक नर व तीन मादा युवा बाघ है जबकि एक नर बाघ युवा होता शावक है। अभेड़ा बायलोजिकल पार्क से लाया गया युवा बाघ अभी एनक्लोजर में है जिसे जल्दी खुले जंगल में छोड़ने की उम्मीद है। इस समय पूरे जंगल में आठ साल के युवा बाघ आरवीटी-1 का राज है। यह बाघ 5 सालों से रामगढ़ में मौजूद है तथा पूरे जंगल को अपनी टेरेटरी बना रखा है।
मृत बाघिन आरवीटी 2 की युवा बाघिनों का भी हुआ नामकरण, आरवीटी-5 व 6 के रूप में मिली पहचान
16 मई 2022 में रामगढ़ विषधारी को टाइगर रिजर्व का दर्जा हासिल हुआ। रणथंभौर का टी-115 खुद प्राकृतिक रूप से चलकर जून 2020 में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आया जिसको यहां आरवीटी-1 के रूप में पहचान मिली। वहीं आरवीटी-2 बाघिन (रणथंभौर की टी-102) 16 जुलाई 2022 को रामगढ़ के सॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ी गई। इसे 31 अगस्त 2022 को खुले जंगल में छोड़ा गया था, जिसका गत वर्ष कंकाल मिला था। इस बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया जिनमें से अभी दो मादा शावक अभयारण्य में अपनी टेरिटरी बना चुकी है, इनको आरवीटी 5 व आरवीटी 6 नाम से जाना जाएगा। आरवीटी-3 बाघिन (रणथंभौर की टी-119) अगस्त 2023 में रामगढ़ में छोड़ी गई। इस बाघिन ने नर शावक को जन्म दिया जो करीब एक साल का हो चुका है जो आरवीटी 9 होगा। कोटा के अभेड़ा बायलोजिकल पार्क से रामगढ़ में रिवाईल्ड करने के लिए भेजा गया बाघ अभी तक शॉफ्ट एनक्लोजर में शिकार करना सीख रहा है उसे आरवीटी 7 के नाम से पहचान मिली है। सरिस्का टाइगर रिजर्व से हरियाणा पंहुचे बाघ को रामगढ़ में आरवीटी 4 के रूप में शिफ्ट किया गया जिसकी आरवीटी-1 से टेरेटरी फाइट में दुखद मौत हो गई थी।
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