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निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के 18 नवाचार

बूंदी.krishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई 18 नई पहलों को राजस्थान में भी प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। यह जानकारी आज मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राजस्थान, श्री नवीन महाजन ने दी।

श्री महाजन ने बताया कि इन पहलों को छह मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है: मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियागत सुधार, कानूनी प्रावधान, चुनाव कार्मिक और निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक सुधार।
आयोग ने मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता ही होंगे, जिससे मतदान के दौरान लगने वाली कतारों और भीड़ को कम किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, बहुमंजिला इमारतों और घनी आबादी वाली कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि सभी मतदाताओं को आसानी से मतदान का अवसर मिल सके। मतदाता सूची को और अधिक सटीक बनाने के लिए मृत्यु पंजीकरण की जानकारी सीधे भारत के महापंजीयक (RGI) के डेटाबेस से प्राप्त की जाएगी, जिससे नाम हटाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों के साथ समन्वय स्थापित करने पर भी विशेष ध्यान दे रहा है। इसी क्रम में पूरे देश में CEO, DEO और ERO स्तर पर 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राजस्थान में भी DEO और ERO स्तर पर आयोजित बैठकों में क्रमशः 182 और 921 राजनीतिक प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। आयोग ने आम आदमी पार्टी, भाजपा, बसपा, माकपा और एनपीपी जैसे राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रमुख दलों के साथ भी संवाद स्थापित किया है। इसके अतिरिक्त, बूथ लेवल एजेंट्स के प्रशिक्षण के लिए इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IHIDEM) में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
चुनाव प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए नया ECINET डैशबोर्ड लॉन्च किया गया है। यह डैशबोर्ड सभी निर्वाचन सेवाओं को एक ही मंच पर उपलब्ध कराएगा, जिससे उपयोगकर्ताओं को आसानी होगी। इसके साथ ही, डुप्लीकेट EPIC (मतदाता पहचान पत्र) नंबर की समस्या का भी समाधान कर लिया गया है। अब प्रत्येक EPIC नंबर अद्वितीय होगा।
आयोग ने 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की है, जिनमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल और प्रत्याशी शामिल हैं। इन सभी हितधारकों के लिए RP अधिनियम, नियमों और आयोग के निर्देशों के अनुसार विशेष प्रशिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है।
निर्वाचन कार्मिकों हेतु सशक्तिकरण: चुनाव प्रक्रिया में संलग्न कर्मचारियों को सशक्त बनाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। IHIDEM, नई दिल्ली में अब तक 3000 से अधिक बूथ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और आगामी वर्षों में एक लाख BLO पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना है। राजस्थान से पहला बैच 26-27 मई को प्रशिक्षण प्राप्त करेगा, जिसमें 67 BLO पर्यवेक्षक भाग लेंगे। SMNO और MNOS के लिए CEO कार्यालयों से उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किए गए हैं, जिसमें करौली के एक जिला संपर्क अधिकारी ने भी भाग लिया। बिहार पुलिस के अधिकारियों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया था।
भारत निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक सुधार: आयोग ने अपने कार्यालयों में भी कई प्रशासनिक सुधार किए हैं। सभी कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू कर दी गई है। ई-ऑफिस प्रणाली को लागू करते हुए कागज रहित कार्यप्रणाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। जमीनी स्तर पर इन पहलों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए CEO के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। मतदाता सूचना पर्चियों को भी अधिक स्पष्ट और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया है। अब पर्ची में क्रम संख्या और भाग संख्या प्रमुखता से प्रदर्शित होंगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी  नवीन महाजन ने कहा कि यह सभी पहलें निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य इस दिशा में अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है।