सांप्रदायिक सद्भावना, समरसत्ता और राष्ट्रीय एकता की मिसाल है अब्दुल कलाम: डॉ. कीर्ति सिंह
कोटा.K.K.Rathore/ @www.rubarunews.com>>|पांच वर्ष पूर्व युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुए शिलोंग में इस देश के ही नहीं अपितु विश्व के युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत, साइंटिस्ट, कर्मठ और आम इंसान के राष्ट्रपति श्री डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का निधन हो गया था उन्ही की पुण्यतिथि के अवसर पर सोसाइटी हैज ईव इंटरनेशनल ट्रस्ट के द्वारा डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की पाँचवी पुण्यतिथि के अवसर पर तिरुपति बालाजी मंदिर परिसर में पुष्पों से श्रद्धांजलि दी गई साथ उनकी याद में हर वर्ष की तरह कल्प वृक्ष का पौधारोपण कर मंदिर परिसर में अब्दुल कलाम वाटिका की स्थापना की गई | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ए.टी.एस.) कोटा के ए. एस. पी. हिम्मत सिंह विशिष्ट अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. आर.सी. साहनी एवं अध्यक्षता शिक्षाविद् वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की महिला यौन उत्पीड़न प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. कीर्ति सिंह रहे | कार्यक्रम के संयोजक डॉ. निधि प्रजापति ने बताया की प्रतिवर्ष कलाम जी की पुण्यतिथि पर 1 कल्पवृक्ष लगाया जाता है और आपको बताते हुए ये बहुत ख़ुशी हो रही है की अब तक लगाये गए चारों कल्प वृक्ष हरे भरे एवं स्वस्थ है | संस्था द्वारा केवल कल्प वृक्ष ही इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए भी पर्यावरण संरक्षण, जल, जमीन और जंगल की सुरक्षा के लिए अद्भुद और अद्वितीय कार्य किये जिसे कल्प वृक्ष लगाकर ही पूर्ण किया जा सकता है | कलाम साहब चरित्रवान युवाओं के दिलो में बसते है उनका सम्पूर्ण जीवन प्रेरणादायक, अनुकरणीय व पूजनीय है | देश की युवा पीढ़ी उनके कदमों पर चले तो इस देश सूरत व सीरत दोनों में निश्चित रूप से सकारात्मक परिवर्तन आएगा | मुख्य अतिथि ए. एस. पी. हिम्मत सिंह ने कलाम जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया की किस तरह राष्ट्रपति हुते हुए भी बेहद सादगी पूर्ण जीवन बिताते हुए भारत एवं विश्व में कीर्तिमान स्थापित किया | उन्होंने अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल में सबसे कम व्यय किया | विशिष्ट अतिथि डॉ. आर. सी. साहनी ने कहा की कलाम की जी पुण्यतिथि पर कल्पवृक्ष लगाने से बड़ा कोई सेवा कार्य नहीं हो सकता क्योंकि उन्होंने युवाओं को सपने देखने की कला सिखाई और सभी नदियों को जोड़ने का आग्रह किया | अध्यक्षता करते हुए डॉ. कीर्ति सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. अब्दुल कलाम जी के जीवन का महत्त्व बताते हुए कहा की वे व्यावहारिक शिक्षा के आधुनिक प्रणेता थे उन्होंने सदैव विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल नॉलेज देने की बात कही | कलाम जी सांप्रदायिक सद्भावना, समरसत्ता और राष्ट्रीय एकता की मिसाल है | मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा की हमारे लिए परम सोभाग्य की बात है की आज के भौतिकतावादी युग में तिरुपति बालाजी मंदिर प्रांगण में देश के सर्वश्रेष्ठ युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत डॉ. ए. पी. अब्दुल कलाम जी पांचवी पूण्यतिथि पर कल्प वृक्ष लगा जिसकी उत्पति समुद्रमंथन से हुई जिसके दर्शन मात्र से जीवन सफल और धन्य हो जाता है | इस अवसर पर सोसाइटी हैज ईव इंटरनेशनल ट्रस्ट कीसोनी निहलानी, तारा श्रेष्ठा, कविता शर्मा, रीना खंडेलवाल, ज्योति भदोरिया, योगेश शर्मा, राकेश पुरुस्वानी, सुमन माहेश्वरी सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे | मंदिर परिसर की देखभाल करने वाली शिल्पा ने कहा की वे सदा इस दिव्य वृक्ष की कलाम जी का प्रतिरूप मानकर रक्षा और देख भाल करेंगी |