लोक अदालत का फैसला अंतिम फैसला होता है- सुनीता यादव
दतिया @rubarunews.com>>>>>>>>राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार माननीय जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय श्रीमती सुनीता यादव के मार्गदर्शन में, नेशनल लोक अदालत का आयोजन आज जिला न्यायालय दतिया एवं तहसील न्यायालय सेवड़ा/भाण्डेर में आज शनिवार को आयोजित की गई।
नेशनल लोक अदालत में कुल 17 खण्डपीठ बनाई गई हैं। नेशनल लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्रीमती सुनीता यादव के मुख्य आतिथ्य में आज जिला न्यायालय परिसर स्थित ए.डी.आर.भवन के सभाकक्ष में प्रातः 10:30 बजे किया गया है। लोक अदालत में न्यायाधीशगढ़ सुलहकर्ता सदस्यों के साथ उपस्थित रहेंगे।माननीय जिला न्यायाधीश श्रीमती सुनीता यादव द्वारा लोगों से अपील की गई है, कि यदि वे किसी भी आलम्बित वाद को नेशनल लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर निपटाना चाहते हैं,तो संबंधित न्यायालय के पीठासीन अधिकारी से अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया के कार्यालय में आज संपर्क कर अपने राजीनामा योग्य मामले का निराकरण राजीनामा के आधार पर करा सकते हैं।
जिला न्यायाधीश द्वारा बताया गया है कि लोक अदालत में पक्षों के मध्य आपसी सुलह समझौते के आधार पर विवादों का निराकरण किया जाता है। जिस के निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं होती।जिला न्यायाधीश महोदय द्वारा बताया गया कि लोक अदालत में बाद निराकरण हेतु किसी प्रकार का शुल्क दे नहीं होता, एवं लंबित मामलों के लोक अदालत में निराकरण पर न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था होती है।कानूनी जटिलताओं से परे लोक अदालत की प्रक्रिया सहज और आपसी समझौते पर आधारित होती है, साथ ही त्वरित, रास्ता, सुलभ न्यायालय प्रत्येक भारतीय नागरिक का नैतिक अधिकार है।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन तहसील न्यायालय से लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के स्तर तक किसी भी न्यायालय अथवा विभागीय मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किए, जाने हेतु आवेदन पत्र अंतिम आदेश व निर्णय प्राप्त कर सदैव के लिए लंबित मामलों से छुटकारा पाने का स्वर्णिम अवसर है।